जम्मू।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं। आज उनका दूसरा दिन है। गृह मंत्री शाह जम्मू में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 83वें स्थापना दिवस परेड में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने सीआरपीएफ दिवस परेड की सलामी ली। इस अवसर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, एमओएस जितेंद्र सिंह, डीजीपी दिलबाग सिंह, बीएसएफ डीजी पंकज सिंह, आईबी निदेशक फारूक खान, गृह सचिव एके भल्ला उपस्थित रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने स्थापना दिवस परेड के दौरान राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों को सम्मानित किया।
गृहमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत माता वैष्णो देवी को नमन करते हुए की। साथ ही उन्होंने देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित कर की। उन्होंने कहा कि जम्मू, वो धरती है जहां श्यामा प्रसाद मुखर्जी और प्रेमनाथ डोगरा ने देश के बाकी हिस्सों के साथ जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण के लिए लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश में केवल ‘एक प्रधान, एक निशान, एक विधान’ के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान तक दिया।
आगे अपने संबोधन के दौरान अमित शाह ने कहा कि देश में आतंकवाद और नक्सलवाद खत्म होने की कगार पर है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद दलितों और पहाड़ियों को उनके हक मिले हैं। प्रदेश में 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। प्रदेश में पंचायती राज संस्थान मजबूत हुआ है। जम्मू कश्मीर में तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने सीआरपीएफ के जवानों को स्थापना दिवस के मौके पर बधाई दी। अमित शाह ने कहा कि सीआरपीएफ का देश की सुरक्षा में बड़ा योगदान है। स्थापना दिवस को राजधानी से बाहर मनाने का मकसद यह है कि दूसरे राज्यों के लोग भी सुरक्षाबलों के शौर्य को जाने। शाह ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का त्योहार है और निष्पक्ष चुनाव एक लोकतांत्रिक देश की आत्मा है। देशभर में लोकसभा और विधानसभा के चुनावों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाने में सीआरपीएफ के जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
यह पहली बार है जब सीआरपीएफ दिल्ली के बाहर अपना स्थापना दिवस मना रही है। सीआरपीएफ का गठन 1939 में क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के तौर पर हुआ था। आजादी के बाद 1949 में इसे तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री स. वल्लभ भाई पटेल ने ध्वज प्रदान करते हुए इसे सीआरपीएफ के रूप में पुनर्नामांकित किया था।
इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री ने जम्मू के राजभवन में शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को नौकरी नियुक्ति पत्र सौंपे। अमित शाह ने शहीदों के परिवारों से बातचीत कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। इसके साथ ही अमित शाह ने उपराज्यपाल और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने ने आतंकवादी घटनाओं में शहीद हुए पुलिस के चार सुरक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति आदेश सौंपे। उन्होंने कहा कि पुलिस के इन बहादुर सुरक्षाकर्मियों द्वारा दिखाए गए साहस और प्रतिबद्धता पर पूरे राष्ट्र को गर्व है।
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