भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर चार मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। हवा का रुख भी पश्चिमी बना हुआ है। इस वजह से अरब सागर से नमी मिल रही है। इसके चलते प्रदेश में कहीं-कहीं बादल छा रहे हैं साथ ही गरज-चमक के साथ वर्षा हो रही है। इसी क्रम में पिछले 24 घंटों के दौरान रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक सागर में 3.6, नर्मदापुरम में तीन, इंदौर में 2.5, मलाजखंड में 1.2, मंडला में एक, छिंदवाड़ा में 0.4, धार में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। राजधानी भोपाल में कई स्थानों पर गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रविवार-सोमवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, उज्जैन, इंदौर, सागर, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पड़ने के बाद उत्तराखंड पर मौजूद है। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। दक्षिणी छत्तीसगढ़ और उससे लगे तेलंगाना पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। ईरान के आसपास एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि इन चार मौसम प्रणालियों के अलावा वर्तमान में हवा का रुख पश्चिमी होने के कारण अरब सागर से नमी मिल रही है। इस वजह से प्रदेश में अधिकतर जिलों में बादल बने हुए हैं। साथ ही गरज-चमक के साथ वर्षा भी हो रही है। रविवार-सोमवार को भी दोपहर के बाद भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, उज्जैन, इंदौर, सागर, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा होने की संभावना है।
उधर शनिवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 40.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। जो सामान्य रहा था। रविवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज होने की संभावना है। दोपहर के बाद शहर में कहीं-कहीं वर्षा भी हो सकती है।
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