– पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारी आंदोनल की तैयारी में
– शिवपुरी में 4 मार्च को कर्मचारीगण ज्ञापन सौंपेंगे
शिवपुरी से रंजीत गुप्ता
राजस्थान के बाद अब मध्यप्रदेश में अधिकारी-कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग लगातार जोर पकड़ती जा रही है। कर्मचारियों के साथ इस मांग के समर्थन में मध्य प्रदेश के कई विधायक भी शामिल हो गए हैं। इतना ही नहीं 48 विधायकों ने अधिकारी- कर्मचारियों की मांग के संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें कईयों ने तो ट्वीट कर सीएम से पुरानी पेंशन बहाली करने की मांग की है। अब शिवपुरी जिले में 4 मार्च को कर्मचारीगण जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे। कर्मचारी नेता राजेंद्र पिपलौदा ने बताया कि जिला मुख्यालय पर सभी कर्मचारी एकत्रित होंगे और कलेक्टर को सीएम के नाम से ज्ञापन दिया जाएगा। कर्मचारी नेता राजेंद्र पिपलौदा ने बताया कि ने मप्र सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
कर्मचारियों की बड़ी तैयारी, कहा- मांगे नहीं मानी तो होगा आंदोलन-
कर्मचारी नेता राजेंद्र पिपलौदा का कहना है कि सरकार ने हमारी मांगे नही मानी तो आने वाले समय में बड़ा आंदोलन होगा। उन्होंने बताया कि हमने अपनी मांग के समर्थन में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के लिए कर्मचारी मंच के माध्यम से आंदोलन शुरू कर दिए हैं। अब जिस तरह से प्रदेश में विभिन्न कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने को लेकर आंदोलनरत हैं उससे साफ लगता है कि आने वाले बजट सत्र में इस मुद्दे पर विधानसभा और राज्य में अन्य जगहों पर हंगामा होने के आसार हैं।
नाराजगी बढ़ती जा रही है-
कर्मचारी नेता राजेंद्र पिपलौदा ने बताया कि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों ने तो आने वाले समय में बड़े आंदोलन की तैयारी कर ली है। उन्होंने सीएम शिवराज सरकार से मांग की है कि अगर बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जाती है तो आने वाले समय में बड़ा आंदोलन होगा। कर्मचारियों कि मांग है कि 1 जनवरी 2005 या इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू हो। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सिर्फ हर महीने 800 से डेढ़ हजार रुपए ही पेंशन मिल रही है। प्रदेश में दो लाख 87 हजार शिक्षक और 48 हजार स्थयीकर्मी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संघर्षरत हैं।