वैसे भाजपा मलमास में कोई नया काम नहीं करती है और राजनीतिक नियुक्तियां भी उन्हीं में से एक है। उज्जैन में जोन अध्यक्षों की नियुक्ति की खबर है लेकिन इंदौर में अभी जोनल अध्यक्षों को लेकर सुगबुगाहट नहीं है लेकिन उनकी सूची अभी तैयार की जा रही है। पिछला कार्यकाल पूरा होने के बाद भी जोन अध्यक्षों की नियुक्तियां नहीं की जा सकी थीं। अध्यक्षों जिन पार्षदों को एमआईसी और अन्य समितियों में मौका नहीं मिला है उन्हें जोन अध्यक्ष बनाया जा सकता है। फिलहाल भोपाल में नगर निगम के 19 जोन हैं। जोन अध्यक्षों के लिए पार्षद भी बेचैन हैं ताकि उनके पास भी कुछ अधिकार आ सके। हालांकि जोन अध्यक्षों का चयन भी महापौर को करना है लेकिन इसमें भाजपा के संगठन की भी भूमिका रहेगी। इसके साथ ही एल्डरमैन को लेकर भी सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। तीन महीने पहले भाजपा सरकार ने एल्डरमैन नियुक्त किए जाने के नियम में संशोशन कर बड़े शहरों की नगर निगमों में एल्डरमैन की संख्या 6 से बढ़ाकर 12 किए जाने की घोषणा की थी तब से ही भाजपाई सक्रिय हो गए थे लेकिन बाद में मामला ठंडा हो गया लेकिन अब मलमास निपटते ही एक बार फिर राजनीतिक नियुक्तियों की सुगबुगाहट भोपाल में शुरू हो गई है और माना जा रहा है कि चुनाव के पहले खाली पड़े पदों पर नियुक्तियां की जाना हैं वहीं सरकारी विभागों की कई समितियों में भी पद खाली पड़े हैं। इनके लिए भी कई भाजपाई सक्रिय हैं। कहा जा रहा है कि आने वाला माह राजनीतिक नियुक्तियों वाला होगा।