– कुपोषण कम करने पोषण की घंटी, कुपोषण से छुट्टी अभियान शुरू
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
शिवपुरी जिले में कुपोषण को कम करने के लिए पोषण माह की शुरूआत हो चुकी है। इस दौरान जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण की घंटी, कुपोषण से छुट्टी अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य समाज में प्रतिभागिता और व्यवहार में परिवर्तन को प्रोत्साहित कर पोषण के स्तर में सुधार लाना है। इस अभियान में लोगों की भागीदारी बढ़ाकर और समुदायों के बीच पोषण के बारे में जागरुकता लाकर कुपोषण को कम करना इसका उद्देश्य है। जिले में महिला सुपोषण सखी, आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं तथा माताओं को साथ लेकर कुपोषण कम करने की मुहिम शुरू की गई है। इस अभियान में सुरवाया व भदाबावड़ी गांव में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जनता को जोड़ा जाएगा जिससे दूर हो सके कुपोषण-
इस दौरान आदिवासी बाहुल्य गांवों व अन्य गांव यहां पर कुपोषण ज्यादा है या कमजोर बच्चे हैं वहां पर इन गांवों में जनभागीदारी बढ़ाकर सुपोषण सखी, आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से कुपोषित बच्चों को पास की एनआरसी तक लाया जा रहा है। एनआरसी में बच्चों का निशुल्क इलाज किया जा रहा है। यहां पर इन बच्चों को किस तरह का भोजन दिया जाए इस बारे में बच्चों के माता-पिता को बताया जाता है। शिवपुरी जिला मुख्यालय सहित सभी विकासखंड़ों पर यह एनआरसी संचालित की जा रही हैं। यहां पर कुपोषित बच्चों का इलाज महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है।
एनआरसी में होता है कुपोषित बच्चों का इलाज-
एनआरसी में अपने कुपोषित बच्चे को लेकर आईं एक महिला सुमन जाटव ने बताया कि पहले उनके बच्चे का बजन बहुत कम था लेकिन एनआरसी में भर्ती कराने के बाद बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार है और बजन भी बढ़ गया है। एक अन्य महिला पाचों आदिवासी ने बताया कि हमारे बच्चे का बजन कम था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से हम अपने बच्चे को एनआरसी में लेकर आए। अब यहां पर बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। एनआरसी में बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने वालीं पोषण विशेषज्ञ रेखा चौहान ने बताया कि हम यहां पर अपने वाले बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान देते हैं। माता-पिता की काउंसिलिंग कर बच्चों को क्या खिलाया जाए इस बारे में बताते हैं। यहां पर बच्चों को इलाज पूरी तरह से निशुल्क है।
जनभागादारी आधारित मुहिम-
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरयाल ने बताया कि जिले में कुपोषण को कम करने के लिए पोषण माह की शुरूआत में पोषण की घंटी, कुपोषण से छुट्टी अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के अंतगर्त विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। लोगों की भागीदारी बढ़ाकर और समुदायों के बीच पोषण के बारे में जानकारी दी जा रही है। डीपीओ ने बताया कि इस तरह की मुहित अच्छे परिणाम सामने आए हैं और बीते दिनों में 2500 बच्चे कुपोषण मुक्त हुए हैं।