दमोह से धीरज जॉनसन
ग्रामीण अंचलों में पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के कार्य संपादित किए जाते है जिससे ग्रामीणों को सुविधाएं प्राप्त हो सकें, परंतु कहीं-कहीं धरातलीय स्थिति देखने पर महसूस होता है कि सार्वजनिक तौर पर किए गए कार्यों में गुणवत्ता को ध्यान में न रखकर सिर्फ औपचारिकता की गई है,जिससे वहां बार बार मरम्मत की आवश्यकता होती है और राशि का दुरुपयोग होता है व ग्रामीण अंचलों के लोग परेशान रहते है।
जिला मुख्यालय से करीब 22 किमी दूर पटेरा मार्ग के पास ग्राम तिंदनी में मुख्य मार्ग से बस्ती तक इन दिनों बारिश के मौसम में सड़क बनाने का काम जारी है परंतु निकट से देखने पर पता चलता है कि औपचारिकता निभाई जा रही है आस पास के गांव से आये मजदूर सीमेंट-कांक्रीट की एक पतली सी परत बिछा रहे है और प्लास्टिक की पानी की पाइप लाइन को ढँकते हुए पहले से बनी नाली के ऊपर रखे पत्थरों को भी ढंक रहे है यहां बिरला सीमेंट लिखी बोरिया रखी दिखाई देती है। कुछ मजदूर जल्दी जल्दी आस-पास की घाँस, फावड़े से साफ कर रहे है जिससे मिट्टी के ऊपर कॉन्क्रीट सड़क की एक पतली सतह बिछ जाए।
इस सड़क निर्माण को देखकर लगता है कि राशि खर्च तो हो रही है पर गुणवत्ता और मापदंड को ध्यान में न रखते हुए सिर्फ औपचारिकता पूर्ण की जा रही है बारिश के मौसम में बन रही यह सड़क खानापूर्ति को परिलक्षित कर रही है। शंका तो यह भी जताई जा रही है कि बजट पहले ही आवंटित हो गया होगा और अब काम दर्शया जा रहा है, पर उसमें भी गुणवत्ता की कमी दिखाई दे रही है।इस संबंध में जब जिला पंचायत सीईओ अजय श्रीवास्तव को जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि उसे चैक किया जाएगा।
न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन