– शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के लिए 3 अगस्त को चुनाव
– भाजपा में अध्यक्ष के लिए कई नाम चर्चा में आए
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष के लिए 3 अगस्त को चुनाव होगा। इस दौरान भाजपा के सबसे ज्यादा पार्षद जीतने के बाद भी अब पार्टी को क्रास वोटिंग का डर सता रहा है। अध्यक्ष के लिए भाजपा में दो खेमों में सक्रियता देखी जा रही है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि पार्टी की आपसी गुटबाजी भी सामने आ सकती है। वहीं भाजपा ने शिवपुरी नगर पालिका के लिए बतौर प्रभारी पूर्व मंत्री रूस्तम सिंह को बनाया है। अब देखना यह है कि यह भाजपा की आपसी गुटबाजी को कितना थाम पाते हैं। भाजपा में इस खेमेबाजी के बीच अब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर रस्साकशी का खेल शुरू हो गया है, हालांकि शिवपुरी नगर पालिका क्षेत्र के 39 वार्डों में से भारतीय जनता पार्टी के 22 पार्षद चुनकर आए हैं, जबकि कांग्रेस के 10 पार्षदों ने भी जीत हासिल की हैं तो शेष 7 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों के सिर पर भी ताज बंधा हैं। ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी के पास नगर पालिका में अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने के लिए पूर्ण बहुमत तो है, लेकिन भाजपा को 3 अगस्त को होने वाले अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में क्रॉस वोटिंग का डर बुरी तरह से सता रहा है।
अब भाजपा का भाजपा से ही मुकाबला–
नगर पालिका अध्यक्ष के लिए वार्ड 3 से पार्षद श्रीमती दीप्ती दुबे का नाम चर्चा में बना हुआ है, दीप्ती दुबे भाजपा नेता भानु दुबे की पत्नी है, दूसरा नाम वार्ड 9 से पार्षद रितु जैन का सामने आ रहा है रितु जैन भाजपा नेता रत्नेश जैन डिम्पल की पत्नी है, यह दोनों नाम शिवपुरी विधायक और प्रदेश सरकार में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की पसंद बताए जा रहे हैं। जबकि तीसरा जो नाम सामने आ रहा है वह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर खेमे से वार्ड 26 की पार्षद सरोज रामजी व्यास का है, देखना यहां यह होगा कि उक्त तीनों नामों में से पार्टी किस नाम पर अपनी सहमति जताती है और इन नामों में से कौन बागी रूप धारण करेगा या फिर निर्विरोध भाजपा का अध्यक्ष शिवपुरी नगरपालिका में काबिज होगा।
केपी के बयान के कई मायने-
पिछोर से कांग्रेस विधायक केपी सिंह ने पिछले दिनों बयान दिया कि शिवपुरी नगर पालिका में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला है इसलिए ऐसी स्थिति में कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेगी। कांग्रेसी नेता केपी सिंह के इस बयान के बाद यह स्थिति साफ हो गई है कि कांग्रेस पार्टी पार्षदों की कोई खरीद फरोख्त नहीं करेगी, जिसके बाद में अब शिवपुरी नगर पालिका में भाजपा बनाम भाजपा ही देखी जा रही है।