– पति ने भी दिलाया भरोसा रखेगा जरूरतों का ख्याल, नए सिरे से करेंगे शुरुआत
शिवलाल यादव
रायसेन। घरेलू विवादों ने एक दंपति के जीवन मे इतनी कड़वाहट भर दी कि वे एक छत के नीचे रहते हुए भी साथ नहीं थे। मामला परिवार परामर्श केंद्र में आने के बाद दोनों पक्षों को सुना और समझाया गया। दोनों ने एक दूसरे की कमियां गिनाईं, दोनों को कमियां दूर करने की हिदायत की जिस पर उन्होंने खुद को बदलने और नई शुरुआत करने का अस्वाशन दिया। जिस पर दोनों का आपसी सहमति से राजीनामा कराया गया।
एक पत्नी की पीड़ा थी कि उसे पति से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए, लेकिन जिसके भरोसे वह सबकुछ छोड़कर आई है, वह तो कम से कम उसे समझे। यह बात रायसेन निवासी एक दम्पति के आपसी विवाद की सुनवाई के दौरान सामने आई। रायसेन निवासी एक पति-पत्नी जो साथ तो रह रहे थे, लेकिन उनके रिश्ते में काफी खटास आ चुकी थी। इसी खटास को दूर करने और रिश्ते को सुधारने वह परिवार परामर्श केंद्र पहुचे। जहां पत्नी ने बताया कि वह लोग साथ तो रहते हैं, लेकिन पति उसकी जरूरतों का ख्याल नहीं रखता, साथ मारपीट भी करता है, हालांकि हमनें अब सास-ससुर से अलग कमरे में सामान रख लिया है, लेकिन पति न तो समय देते और न ख्याल रखते हैं। जिसके भरोसे वह सबकुछ छोड़कर आई है, वही उसे नहीं समझेगा तो कैसे रह पाएगी। पति ने शिकायत करते हुए कहा कि पत्नी उसके माता-पिता से ठीक व्यवहार नहीं रखती, इसलिए विवाद होता है। घर में हमेशा कलह करती रहती है। पति को समझाया गया कि वह मारपीट न करे और पत्नी की जरूरतें पूरी करे और उसका ख्याल रखे। साथ ही पत्नी को भी हिदायत दी गई कि वह भी वाद-विवाद न करे और घर मे खुशनुमा माहौल रखे। दोनों ने अपने आप मे बदलाव लाने का वादा किया और परिवार को बचने फिर से नई शुरुआत करने का अस्वाशन दिया। परामर्श केंद्र की बैठक में एसडीओपी अदिति भावसार, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, एएसआई अनिल वर्मा, आरक्षक लोकेंद्र मोर्य उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से परिवारिक विवादों को आपसी सहमति के सुलझाने का प्रयास किया जाता है।
पति ने किया सुसाइड का प्रयास, डरी पत्नी ने छोड़ा घर
एक अन्य मामले ने घर मे होने वाले विवाद के चलते पति ने सुसाइड का प्रयास किया, जिससे पत्नी बुरी तरह डर गई और मायके में रहने लगी। दोनों का मामला परिवार परामर्श केंद्र में आने पर पति हो सख्ती से समझाया गया कि वह आगे से ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा, पति ने वचन दिया कि वह अब गलती नही दोहराएगा। पत्नी ने भी विवाद छोड़ते हुए पति के साथ रहने की हामी भरी। दोनों का आपसी सहमति से राजीनामा कराया गया।
तीन प्रकरणों में राजीनामा
मंगलवार को बैठक में कुल 9 प्रकरण रखे गए थे। जिसमें से दो परिवारिक विवादों में आपसी सहमति से राजीनामा हुआ। एक प्रकरण में समझाइश के बाद पक्षकरों में अपने रिश्ते में आई खटास मिटने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। एक प्रकरण लगातार एक पक्ष के अनुपस्थित रहने पर बंद किया गया व दूसरे पक्ष को न्यायालय में जाने की सलाह दी गई। अन्य प्रकरणों में पक्षकारों के अनुपस्थित रहने पर उन्हें अगली तारीख दी गईं है।