-कर्क रेखा पर 21 जून को हर वर्ष 12 बजे इंसान की परछाई भी छोड़ देती है साथ
-भोपाल, विदिशा, रायसेन से बड़ी संख्या में पहुंचे पर्यटक
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट।
भोपाल विदिश स्टेट हाईवे 18 स्थित पर्यटक स्थल कर्क रेखा इन दिनों सैल्फी प्वाइंट बना हुआ है। यहां से निकलने वाला हर व्यक्ति यहां पर सेल्फी लेना नहीं भूलता। 21 जून को हर साल दोपहर के 12 बजे यहां पर व्यक्ति को अपनी परछाई भी नहीं दिखती और परछाई भी साथ छोड़ देती है। हम बचपन से यह कहावत सुनते चले आ रहे है कि कोई साथ हो न हो,आदमी का साया हमेशा उसके साथ रहता है, लेकिन 21 जून को कर्क रेखा क्षेत्र में आदमी का साया भी उसका साथ छोड़ देता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कर्क रेखा स्थल पर 21 जून को दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें 90 डिग्री लंबवत पड़ने के कारण खड़े व्यक्ति की परछाईं ही नहीं बनती।नेहरू विज्ञान केंद्र मुंबई में 2017 में रिटायर हुए विज्ञान विषय में शिक्षा अधिकारी रहे विट्ठल रैगाओंकार शारदा विहार भोपाल आईटीआई की तरफ से मंगलवार को कर्क रेखा स्थल पहुंचे। विदिशा एवं अन्य जगह से आए स्कूली बच्चों को कर्क रेखा के बारे में जानकारी दी। वहीं बताया कि जीरो छाया यंत्र आईटीआई में बनाया था। इसके माध्यम से 21 जून मंगलवार के दिन बच्चों को कर्क रेखा पर दोपहर 12 परछाई जाने का महत्व बताया। प्रोफेसर ने बताया कि 16 साल पहले 2004 में उनके द्वारा ही इस कर्क रेखा स्थान पर जीपीएस की मदद से चुना डालकर मार्क किया था। बाद में टूरिज्म विभाग द्वारा यहां पर दोनों साइड कर्क रेखा स्थान बनाया गया। इस मौके पर स्कूली बच्चे सहित कर्क रेखा पर आए पर्यटक मौजूद रहे।
भारत के इन शहरों और राज्यो से गुजरती है कर्क रेखा—
23.32 डिग्री उत्तरी अक्षांष कर्क रेखा मध्यप्रदेश के रायसेन, विदिशा, सागर, दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल और जबलपुर जिलों से गुजरती है। जिन स्थानों से यह रेखा गुजरती है वहां ग्रीष्म ऋतु की अवधि शीत ऋतु से अधिक होती है। दक्षिण अफ्रीका के सहारा मरूस्थल का अधिकांश हिस्सा कर्क रेखा पर होने के कारण यहां का तापमान सबसे अधिक होता है। कर्क रेखा मध्यप्रदेश के अलावा गुजरात राजस्थान छत्तीसगढ़ झारखंड पष्चिम बंगाल मिजोरम राज्यों से निकलती है।
इन देशों से होकर गुजरती है कर्क रेखा–
संयुक्त राज्य अमेरिका (हवाई-केवल सागर कोई भी द्वीप इस रेखा पर नहीं है)मैक्सिको में मजातलान (प्रशांत महासागर के उत्तर में ) बहामास पश्चिमी सहारा (मोरोक्को द्वारा दावा किया गया) मौरीटानिया माली अल्जीरिया नाइजर लीबिया चाड मिस्र सऊदी अरब संयुक्त अरब इमारात ओमान भारत बांग्लादेश म्यांमार चीन (मात्र गुआंगजोऊ के उत्तर से) तथा ताइवान से होकर निकलती है।