शिवलाल यादव रायसेन
निकाय चुनावों में सबसे ज्यादा दावेदारी प्रदेश केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकारों के कारण नेताओं व उनकी पत्नियों बहुओं के लिए की थी।लेकिन आखिरी समय में उनके टिकट कट जाने से उनके अरमानों पर पानी फिर गया है।तेजी से बदलते राजनीतिक घटना क्रम की वजह से भाजपा से बगावती तेवर अपनाते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतर चुके हैं।वार्ड17 से भाजपा के लिए आरएसएस की तरफ से पसंद के मनोज राठौर की पत्नी को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया था।लेकिन 20 घण्टे के भीतर ही बदलकर बार्ड 17 से आरओ वाटर के संचालक मिलन राठौर की पत्नी के नाम पर मुहर लगा दी गई हैं।ऐसी जनचर्चा है कि मनोज राठौर की पत्नी का मायका शुजालपुर में है।वहां से ओबीसी जाति प्रमाणपत्र नहीं बनवाया गया था।इसकी शिकायत और आपत्ति किसी व्यक्ति ने की थी। भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ जेपी किरार, महामंत्री रामकुमार साहू ने बताया कि जिसके नाम पर बी फार्म एलाट
हो जाएगा।इसी तरह महावीर वार्ड 3 से पार्षद पद के लिए भाजपा से प्रबल दावेदारी संतोष यादव पन्नी वर्षा यादव के लिए की थी।लेकिन भाजपा ने बुजुर्ग प्रत्याशी बैनीदेवी कुशवाहा भैयालाल कुशवाहा पर भरोसा जताया है।1997 में भी बैनी देवी कुशवाहा यहां से पार्षद चुनी गईं थीं।इसी तरह वार्ड 2 में भी बीजेपी नेताओं ने दावेदारी की थी।लेकिन परबीन बी अमीन खान टिकट हथियाने में सफल हो गए हैं।वार्ड 4 में भाजपा ने वर्षा लोधी को पार्षद पद के लिए टिकट दिया है।यहां भी स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी के आधे दर्जन समर्थक नेता टिकट की कतार में थे।लेकिन दिग्गज नेताओं के सारे मंसूबे फेल हो गए।वार्ड 9 से भाजपा की ओर से नीति दीपक पण्डया को पार्षद के लिए चुनावी समर में उतारा है।यहां से भाजपा नेता अनिल चौरसिया अपनी पुत्र वधु अंकिता चौरसिया ,आरएसएस कोटे से डॉक्टर राजेश लोधी अपनी पत्नी ममता लोधी और राहुल परमार अपनी पत्नी के लिए टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे थे।लेकिन बीजेपी ने अंत में नीति पण्ड्या के नाम पर सहमति जताई है।यहां भी नेता निर्दलीय प्रत्याशी उतारने का मन बना चुका है।इस वार्ड 9 से कांग्रेस से एकल नाम पुष्पा राजू जोशी ही प्रत्याशी बनाया जाना तय है।