जांजगीर-चांपा । छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गांव में बाड़ी के बोर में गिरे 10 वर्षीय बालक राहुल साहू को बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है। अब तक एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने रेस्क्यू का मोर्चा संभाला था। अब इसकी जिम्मेदारी सेना को दे दी गई है। सेना के जवान रेस्क्यू में जुट गए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी उनकी मदद कर रहे हैं। इस बीच अब वहां लोगोंकी भीड़ बढ़ रही है। आसपास व दूरदराज के ग्रामीण वहां पहुंच रहे हैं। मालूम हो कि सुरंग के भीतर काम तेजी से चल रहा है। बेस बना लिया गया है। बहुत ही सावधानी से कार्य के लिए निर्देशित किया गया है। एक समय राहुल द्वारा जूस नहीं पीने व प्रतिक्रिया नहीं देने से सभी की चिंताएं बढ़ गई थीं। अभी मिली ताजा जानकारी के अनुसार, उसने खुद से ही कुछ खाने की मांग इशारे के जरिए की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्वीट कर कहा कि सबकी दुआएं मासूम राहुल के साथ है… रेस्क्यू अभियान जारी है। चट्टानों से भी मज़बूत इस मासूम बालक के साहस को सलाम है।
कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने सुरंग का अवलोकन कर सावधानी से कार्य करने के निर्देश दिए। कुछ ही समय में उसे बाहर लाया जा सकता है। इस बीच, सोमवार रात करीब 10 बजे बोर तक सुरंग बनाने का काम पूरा हो गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ऊपर चार फीट बोर को चौड़ा करने के काम में जुटी रही। चट्टान के कारण टनल बनाने के काम में विलंब होता रहा। वहीं बोर में पानी भरने के कारण भी कुछ समय के लिए आपरेशन को रोकना पड़ा। शुक्रवार को दोपहर तीन बजे से राहुल बोर में गिरा है और शाम पांच बजे से उसे बचाने का काम शुरू कर दिया गया। सोमवार को तड़के टनल बनाने का काम शुरू हुआ, लेकिन दोपहर में चट्टान की वजह से परेशानी हुई। इसके बादबिलासपुर से बड़ी ड्रील मशीन मंगाई गई। वहीं अधिक कंपन होने के कारण छोटी मशीन का उपयोग किया गया।
मेडिकल स्टाफ अलर्ट मोड पर: मेडिकल स्टाफ पूरी तैयारी के साथ अलर्ट मोड पर है। उनकी कोशिश होगी कि राहुल की स्वास्थ्य जांच करते हुए एंबुलेंस में ही चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। फिर उसे अपोलो अस्पताल बिलासपुर तक सुरक्षित पहुंचाया जाए। इसके लिए ग्रीन कारीडोर की भी तैयारी कर ली गई है।
पिहरीद में भारी भीड़: आपरेशन राहुल को देखने और उसके सकुशल बाहर निकलने की कामना लिए हुए लोग आसपास के अलावा दूर दराज से बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। सबकी आंखे सुरंग पर टीकी हुई है मगर बेरीकेट लगे होने और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते वेदूर से ही देख पा रहे हैं। भीड़ के चलते अव्यवस्था न हो इसके लिए प्रशासन ने नो गो जोन बनाया है। टीम के ही सदस्यों को वहां जाने दिया जा रहा है।
माता-पिता की आंखे पथराई
लगातार 77 घंटे से बालक के बाहर नहीं आने से माता-पिता व स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। बोर की ओर टकटकी लगाए उनकी आंखें पथरा गई है। लोगों को भी बहुत बेसब्री से राहुल के बाहर आने का इंतजार है। सबको यह उम्मीद भी है कि वह घड़ी शीघ्र आएगी।
मेडिकल स्टाफ अलर्ट मोड पर: रेस्क्यू स्थल पर मेडिकल स्टाफ पूरी तैयारी के साथ अलर्ट मोड पर है। आक्सीजन, मास्क के साथ स्ट्रेचर की व्यवस्था की गई है। एम्बुलेंस भी तैयार है। मेडिकल स्टाफ की कोशिश होगी जब राहुल को बाहर निकाला जाएगा तो स्वास्थ्य जांच करते हुए एम्बुलेंस में ही सम्पूर्ण चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए अपोलो अस्पताल बिलासपुर तक सुरक्षित पहुंचाया जाए।
अपोलो तक ग्रीन कारीडोर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेस्क्यू के बाद अस्पताल लेजाने के लिए ग्रीन कारीडोर बनाने के निर्देश कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला और एसपी विजय अग्रवाल को दिए हैं। बच्चे को निकालने के बाद अपोलो अस्पताल लेजाया जाएगा। इसके लिए पिहरीद से बिलासपुर तक ग्रीन कारीडोर बनाया जाएगा।