-तिल्दा स्टेशन में ट्रेन व प्लेटफार्म के बीच फंस गई थी महिला
-हर पल सामने दिखी मौत लेकिन जीत गई जिंदगी
सुरेंद्र जैन धरसीवां
छाती से अपने लाल को चिपकाए एक मां जैसे ही यात्री ट्रेन से उतरने लगी वैसे ही ट्रेन आगे बढ़ने लगी और महिला यात्री का पैर फिसलकर वह प्लेटफार्म ओर ट्रेन के बीच फंस गई ट्रेन जैंसे जैसे आगे बढ़ रही थी बैंसे बैंसे ही अपने शिशु को छाती से चिपकाए मां को मौत सामने दिखाई दे रही थी कि अचानक दौड़ते हुए एक आरक्षक वहां पहुंचा और उस मां का हौंसला बढ़ाता गया डरना नहीं न बिल्कुल हिलना इसी तरह चिपके रहना मै ट्रेन रुकवाता हूं और वह यात्रियों से चेन खींचकर ट्रेन रोकने आवाज भी लगाया गया।कुछ मिनिट बाद यात्री ट्रेन रुकी और फिर उस मां एवं उसके शिशु को प्रधान आरक्षक ने सकुशल बाहर निकाला यह दृश्य जिसने देखा वह स्तब्ध रह गया देखने वालों की आंखें भर आई जिंदगी और मौत की जंग में जिंदगी जीत गई।
यह घटना है रायपुर जिले के तिल्दा रेलवे स्टेशन की जब महिला यात्री ईना यादव पति मनोज यादव उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम पोसरी थाना सिमगा अपने शिशु को रायपुर से उपचार कराने के उपरांत गाड़ी संख्या 12856 इतवारी बिलासपुर एक्सप्रेस से रायपुर से तिल्दा रेलवे स्टेशन पहुंची ओर जैंसे ही ईना अपने शिशु को छाती से लगाए उतरने लगी अचानक ट्रेन आगे बढ़ गई और वह पैर फिसलने से प्लेटफार्म ओर ट्रेन के बीच फंस गई ट्रेन जैंसे जैंसे गति पकड़ रही थी ईना के लिए मौत सामने दिख रही थी तभी ड्यूटी पर तैनात एक प्रधान आरक्षक आरपी जांगड़े की आवाज उसके कानो तक पहुंची घबराना मत न हिलना डुलना चिपके रहना मै ट्रेन रुकवाता हूं यह आवाज कहने को तो एक प्रधान आरक्षक की थी लेकिन जिंदगी ओर मौत के बीच फंसी उस महिला के लिए मानो साक्षात भगवान की आवाज हो इस आवाज ने महिला का हौंसला बढ़ाया और दौड़ते हुए प्रधान आरक्षक आर पी जांगड़े महिला के पास पहुंचे यात्रियों को आवाज लगाते रहे चेन खींचकर ट्रेन रोको कुछ समय पाद जैंसे ही ट्रेन रुकी मानो मौत से जंग लड़ते लड़ते अपने शिशु के साथ एक मां यह जंग जीत गई प्रधान आरक्षक ने उक्त महिला यात्री को बाहर निकाला और घबराई हुई महिला को पानी पिलाया उसका भय दूर किया।