सहस्त्र रुद्रचंडी होमात्मक शिव अभिषेक एवं श्री दुर्गा सप्तशती के पाठ 125 विद्वान द्वारा शुरू
तपस्वी संत पूज्य लाल बाबाजी के क्षेत्र सन्यास के चौदह बर्ष एवं 12 वर्षों के अखण्ड श्री शिव रुद्राभिषेक के उपलक्ष्य में हो रहा धार्मिक अनुष्ठान
कमल याज्ञवल्क्य बरेली रायसेन
जन आस्था और प्राचीन विशेष धार्मिक महत्व के सांस्कृतिक स्थल के रूप में देश और विदेशों में विख्यात भगवान् श्री शिव जी और ज्ञान कर्म तथा भक्ति के त्रिवेणी के रूप में विख्यात परम तपस्वी संत पूज्य गुरुजी वापोली वालों के साधना धाम पावन वापोली धाम में सोमवार को विख्यात तपस्वी संत पूज्य ब्रम्हचारी जी महाराज के सानिध्य में क्षेत्र सन्यास की कठिन तपस्यारत पूज्य जम्मू वाले गुरुजी लाल बाबाजी के मार्गदर्शन में पूर्ण वैदिक विधान से धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ विद्वान ब्राम्हणों द्वारा हुआ। भव्य धार्मिक अनुष्ठान 16 नवंबर तक चलेगा।
भव्य और दिव्य है धर्म समारोह
सहस्त्र रुद्रचंडी होमात्मक श्री शिव अभिषेक एवं श्री दुर्गा सप्तशती के पाठ के लिए 125 विद्वान विप्रों द्वारा पूरे वैदिक विधान से सुबह से शाम तक पाठ किए जा रहे हैं। रायसेन जिले के इस वृहद धार्मिक अनुष्ठान के दौरान भण्डारे का आयोजन भी जारी है जिसमें परम तपस्वी संत लाल बाबाजी जी स्वयं प्रसादी परोसकर भोजन करा रहे हैं।
लाल बाबाजी हुए भावुक
काफी सरल ह्दय लाल बाबाजी का सोमवार को भक्तों ने पहली बार भावुक रूप देखा। जब भगवान् शिव जी कृपा और पूज्य गुरूजी वापोली वालों की तपस्या के फलस्वरूप इस विशाल धार्मिक अनुष्ठान की गूँज आसपास के गांवों में लोग सुना रहे थे तो दिव्य वापोली धाम में अनुष्ठान परिसर में शांत बैठे लाल बाबाजी की आंखों से आंसुओं की धार ऐसा प्रतीत करा रही थी मानों वह अपने आंखों के जल से भगवान् शिवजी और माँ भगवती का अभिषेक कर रहे हैं। दशकों से वापोली धाम आने वाले भक्तों ने ऐसा पहली बार देखा कि किसी तपस्यारत संत की आंखों के पानी ने सभी को कुछ समय के लिए भावुक कर दिया।