विद्यार्थियों की आवश्यकता के अनुरूप शैक्षणिक प्रक्रिया में बदलाव करना चाहिए:माधव पटेल
रिपोर्ट:धीरज जॉनसन, दमोह
5 सितंबर2024 को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को देश के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है । इसी क्रम में जिले के बटियांगढ़ ब्लॉक अंतर्गत शासकीय नवीन माध्यमिक शाला लिधौरा के माध्यमिक शिक्षक माधव पटेल का चयन 2024 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार हेतु किया गया है। आपको 2 वर्ष पूर्व मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा क्षेत्र का उच्च पुरस्कार राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान भी प्राप्त हो चुका है। शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितंबर को दिल्ली में राष्ट्रपति द्वारा रजत पदक, रु 50,000 की राशि एवं प्रशस्ति पत्र द्वारा सम्मानित किया जाएगा। 2018 के बाद दमोह जिले के शिक्षक को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त हो रहा है। जिले के कलेक्टर एसके कोचर, मुख्य कार्यपालिका अधिकारी जिला पंचायत अर्पित वर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा, डायट प्राचार्य एस के मिश्रा, जिला परियोजना समन्वयक मुकेश द्विवेदी सहित सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने माधव पटेल की सफलता पर बधाई और शुभकामनाएं दी।
माधव पटेल ने एक चर्चा के दौरान बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा जिले के हटा ब्लॉक के दादपुर में हुई चूंकि पिता कृषि विभाग में थे तो छठवीं से आठवीं तक ग्राम फतेहपुर में अध्ययन उपरांत नौवीं से बारहवीं तक की शिक्षा एक्सीलेंस स्कूल हटा से अर्जित की और महाविद्यालयीन पढ़ाई एमएससी (जूलोजी), एमएड, डॉ एचएस गौर विश्वविद्यालय सागर से पूर्ण करने के बाद 2007 में ग्राम लिधौरा के स्कूल में पदस्थापना हुई। हमारा प्रयास रहा कि शिक्षा को भावनात्मक रूप से आम जनसमुदाय से जोड़ा जाए और बच्चों का स्तर जानने के बाद ही पढ़ाई शुरू की जाए। कोरोना महामारी के दौरान शैक्षणिक गतिविधियों को जारी रखते हुए घर घर जाकर बच्चों को पढ़ाया जिसके बाद 2020 में राज्यपाल द्वारा पुरस्कार प्राप्त हुआ इसके उपरांत 2021 में नेशनल आईसीटी अवार्ड के लिए नॉमिनेशन हुआ और दिल्ली में प्रेजेंटेशन का अवसर प्राप्त हुआ,2021 में मतदाता सूची को आधार कार्ड से जोड़ने के बेहतर कार्य के लिए राज्य निर्वाचन आयोग भोपाल द्वारा 25 जनवरी 2023 को पुरस्कृत किया गया और भोपाल में 5 सितंबर 2023 को राज्य स्तरीय शैक्षणिक संगोष्ठी में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ जहां भी राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया था। माधव पटेल कहते है कि हमें विद्यार्थियों की आवश्यकता के अनुरूप अपनी शैक्षणिक प्रक्रिया में बदलाव करते रहना चाहिए जिसके परिणाम भी बेहतर होते है।