साधू को सपना देकर एक खेत में 50 वर्ष पूर्व जमीन से निकले थे महादेव ,भक्तों की भीड़ वहां पहुंच कर करते हे पूजा अभिषेक
शरद शर्मा बेगमगंज,रायसेन
इस ऐतिहासिक मंदिर में जमीन से निकला शिवलिंग है स्थापित। सावन के हर सोमवार को मेले में लगता है शिव भक्तों का मेला, मंदिर की ख्याति दूर-दराज तक फैली हुई है। श्रावण मास में मंदिर पर की गई पूजा का एक विशेष महत्व होता है आसपास के लगभग 50 गांव के भक्त सावन के माह में एकत्रित होकर जल अभिषेक करते हैं और मन्नत मांगते हैं।
कहा जाता है कि आज तक इस मंदिर में जिसने भी मन्नत मांगी है, भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद से वह पूरी हुई है।सावन के पवित्र माह में भगवान भोलेनाथ की उपासना अलग- अलग तरीके से की जाती है इनमें से एक है कावड़ यात्रा इसी क्रम में बेगमगंज के ग्राम बिजोरा, तुलसीपार, मोडदकपुर, घोगरी से शिव भक्तों की टोलियां नर्मदा जल लेने के लिए बोरास उदयपुरा के लिए निकली करीब 90 किमी की पदयात्रा जिसमें छोटे बड़े बुजुर्ग सभी लोग शामिल हुए 90 किलोमीटर की पदयात्रा तीन दिन में पूरी की जहां भक्तों की टोली डीजे पर नाचते गाते थिरके ते हुए बम बम भोले के नारे लगाते हुए चल रहे थे। बिजोरा से मोदकपुर से तुलसीपार और घोगरी से भक्त लोग इकट्ठे हुए और 100 लोगों का जत्था कावड़ियों का बोरास घाट जल लेने के लिए रवाना हुए। कबाडिया एक दिन का खाना घर से ले जाते हैं और फिर दूसरे दिन का खाना किसी मंदिर में किसी स्कूल में किसी पंचायत भवन में जहां पर भी पर्याप्त जगह मिलती है कावड़ियों के लिए वहां पर विश्राम करते हैं और फिर भोजन बनाते हैं मिलकर तीन दिन की पदयात्रा में भक्ति में डूबे जय कार्य लगाते हुए बोल बम बोल बम के नारे लगाते हुए निकलते हैं तो देखने वाले देखते रह जाते हैं।
ग्राम बिजोरा में एक साधु को सपना देकर शिवलिंग जमीन का सीना फाड़ कर निकले थे 50 वर्ष पहले जमीन से निकली हुई इस स्थान पर खेत में शिवलिंग रखा हुआ है जहां पर कबाडिया भक्ति भाव से नारे लगाते हुए भोलेनाथ का जल अभिषेक करते हैं। नर्मदा के पवित्र जल से इसकावड यात्रा में दिखाई शिव भक्तों की आस्था श्रद्धालुओं में दिखे बच्चे भी ज्यादातर इलाके कबाड़ियों से सड़क गुलजार हो रही थी हर जगह सड़क पर सिर्फ कबाडिया ही कबाडिया नजर आ रहे थे आस्था और भक्ति की यह तस्वीर बेहद शानदार थी हर कबाडिया अपने कंधों पर रंग बिरंगी सजाकर कावड़ रखे हुए थे। जिसमें दोनों किनारो पर मां नर्मदा का पवित्र जल लेकर चल रहे थे उसी जल से शिवजी का जल अभिषेक सोमवार को किया।
सावन का पवित्र महीना चल रहा है और शिव भक्तों के लिए यह बहुत विशेष होता है सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है मान्यता है कि इस माह में भोलेनाथ अपने भक्तों से जल्द प्रसन्न होते हैं और उनकी पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं सावन माह में भोलेनाथ के भक्त कावड़ यात्रा में कावड़ जमीन पर नहीं रखते निरंतर चलते रहते हैं भोले के भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए।