अतिथि विद्वान महासंघ की मांग,अभ्यर्थियों के रिकॉर्ड,नंबर,नाम दिखाए सरकार
भोपाल।सूबे के सरकारी कॉलेजों में चल रही सहायक प्राध्यापक भर्ती को लेकर फ़िर मामला गर्माने लगा है।मज़े की बात है कि आयोग ने बिना मेरिट सूची जारी किए इंटरव्यू के लिए रोल नंबर जारी कर दिया है।अब ये रोल नंबर किसका है कहा का है यही संदेहास्पद बना हुआ है।इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग में रिक्त पदों के विरुद्ध सेवा करने वाले अतिथि विद्वानों ने मोर्चा खोल दिया है।अतिथि विद्वान महासंघ ने सरकार एवं अयोग से जारी सूची के अभ्यार्थियों के नाम,पूरे रिकॉर्ड एवं नंबर पब्लिक को दिखाने के लिए ओपन करने की मांग की है।जाहिर सी बात है कई परीक्षाओं को लेकर आयोग पर उंगलियां लगातार उठ रही हैं इसको लेकर अभ्यर्थियों ने इसकी मांग की है जो भी हो सामने आना चाहिए।
अतिथि विद्वानों की नियुक्ति नीतिगत,मेरिट,पारदर्शिता के साथ क्या इसीलिए नहीं हो रहा नियमितीकरण
अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने वाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या अतिथि विद्वानों की नियुक्ति नीतिगत नियमानुसा इंडिया लेबल मेरिट से होती है पूरी पारदर्शिता के साथ क्या इसीलिए विद्वानों का स्थायीकरण/समायोजन नहीं हो रहा है।डॉ पांडेय ने बताया कि अतिथि विद्वानों के पूरे रिकॉर्ड नंबर ओपन किया जाता है जो पूरा देश देखता है फिर असिस्टेंट प्रोफ़ेसर भर्ती में सिर्फ रोल नंबर क्यों जारी किया जा रहा है।नाम,नंबर,रिकॉर्ड क्यों आयोग और सरकार छुपा रही है।ओपन करे दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।जैसा कि विदित हो कि पिछली सहायक प्राध्यापक भर्ती में भी जाती प्रमाण पत्रों,अनुभव प्रमाण पत्रों,विकलांग प्रमाण पत्रों पर काफी विवाद हुआ कई फर्जी रिकॉर्ड पर नियुक्ति पाए जिसकी जांच आज भी चल रही है।
इनका कहना हे –
सरकार एवं अयोग को जिम्मेदारी पूर्वक सभी कैंडिडेट के नंबर,नाम,पूरे रिकॉर्ड ओपन करना चाहिए जिससे प्रदेश देश देख सके कि क्या सही है क्या गलत है।अतिथि विद्वानों की पूरी जन्मकुंडली सरकार ओपन करती है तो इनकी क्यों नहीं?? संवेदनशीलता मानवीयता के साथ अतिथि विद्वानों का स्थाई समायोजन करे सरकार एवं अपना वादा पूरा करे।
डॉ देवराज सिंह,प्रदेश अध्यक्ष महासंघ