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विधानसभा थाने का प्रधान आरक्षक बताकर ग्रामीणो से लूट

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दारू व नगदी लूटकर फरार हुए वाइक सवार लुटेरे

सुरेन्द्र जैन धरसीवा

अपने आपको विधानसभा थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक बताकर वाइक सवार व्यक्ति ने दारू खरीदकर घर जा रहे दो युवकों से दारू ओर नगदी राशि लूट ली लेकिन जब ग्रामीण युवकों को पता चला कि लूटने वाले तो विधानसभा थाने में पदस्थ हैं ही नहीं तब उन्होंने पुलिस को लिखित आवेदन दिया।
दरअसल यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के विधानसभा थाना क्षेत्र का है ग्रामीण युवक घर मे आयोजित मांगलिक कार्यक्रम में आये मेहमानों की मेहमान नबाजी करने मांढर दारू भट्टी शराब लेने आये थे तभी उनके साथ यह घटना घटित हुई।
लूट के शिकार प्रार्थी गजेंद्र धृतलहरे एवं नेतन धीवर ने विधानसभा पुलिस थाने में दिए लिखित आवेदन में उस वाइक का नम्बर भी दिया है जिस पर सवार दो व्यक्तियों में से एक नए अपने आपको विधानसभा थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक बताया था
लूट के शिकार हुए प्रार्थी गजेंद्र धृतलहरे ने बताया कि सुबह दस बजे वह मांढर सरकारी शराब दुकान शराब लेने आये और शराब लेकर अपने गांव कुरूद वापस जाने जैंसे ही रेलवे क्रासिंग पार की तो गुमठी के समीप दो लोग वाइक सवारों ने उन्हें रोक लिया उनमे से एक ने कहा कि मैं विधानसभा थाने का प्रधान आरक्षक हूँ यह कहते हुए खुद को पुलिस वाला बताने वाले ओर उसके साथी ने दोनो ग्रामीणो की शराब ले ली और उनके पास मौजूद नगदी रकम लगभग साढ़े तीन हजार रुपये भी ले लिए ओर रफूचक्कर हो गए ।

पीड़ितों ने दिखाई समझदारी

लूट के शिकार पीड़ितों गजेंद्र धृतलहरे एवं नेतन धीवर ने समझदारी दिखाते हुए लुटेरों की वाइक का नम्बर लिख लिया जो सीजी 04 सीएल 9141 था खुद को प्रधान आरक्षक बताने वाले ने अपना नाम ध्रुवंशी बताया था।

ऐंसे खुली पोल

इस मामले में ग्रामीणो को तब अपने साथ हुईं धोखेबाजी व लूट का अहसास हुआ जब वह हिम्मत जुटाकर विधानसभा थाने पहुचे
लूट के शिकार ग्रामीणो को संदेह होने लगा कि जिसने पुलिस वाला बताकर हमसे दारू पैसे लिए वो लगता नहीं कि पुलिस वाला हो ओर वह सच्चाई जानने विधानसभा थाना पहुच गए वहां ध्रुवंशी जी के बारे में पूंछा ओर मिले तो पता चला कि नाम तो ठीक लेकिन यह तो वह नहीं जिन्होंने खुदका नाम ध्रुवंशी बताकर उनसे नगदी व दारू लूटी इसके बाद पीड़ितों ने अपने साथ घटी घटना विस्तार से पुलिस को बताई और लिखित आवेदन दिया ओर कार्यवाही की मांग की।

क्या कहते हैं टीआई

इस मामले में विधानसभा टीआई संदीप मिश्रा का कहना है कि दोनो ग्रामीण थाना आकर आवेदन दिए हैं की अपने आपको पुलिस वाला बताकर वाइक सवार दो लोगों ने उनके साथ लूट की है जबकि पुलिस वाइक नम्बर के आधार पर आरोपियों की पतासाजी कर रही है।

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