मंगल व शनि के बीच शत्रुता का भाव है। 29 अप्रैल से 17 मई तक मंगल व शनि एक ही राशि में रहकर युति बना रहे हैं। ज्योतिष के मुताबिक, शनि 29 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 57 मिनट पर कुंभ राशि में गोचर कर जाएंगे। इस राशि में पहले से ही मंगल ग्रह विराजमान हैं। कुंभ राशि में मंगल व शनि की युति से द्वंद्व योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष में इस योग को बेहद अशुभ माना गया है। इस युति का प्रभाव तीन राशि वालों पर ज्यादा पड़ेगा, जिसके चलते इन राशि के जातकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है-
कर्क राशि- शनि-मंगल की युति कर्क राशि के अष्टम भाव में बनेगा। अष्टम भाव में आयु, खतरा और दुर्घटना का भाव माना जाचा है। इसलिए इस राशि के जातकों को चोट लगने की आशंका है। इन्हें कार्यस्थल पर भी किसी भी तरह के जोखिम से बचना चाहिए। यह युति किसी प्रकार की अनहोनी का संकेत दे रही है।
कन्या- शनि-मंगल की युति इस राशि के छठवें भाव में है। यह भाव ऋण, शत्रु, स्वास्थ्य व कठिन परिश्रम का भाव है। इसलिए आपको इस दौरान सेहत का अधिक ध्यान रखना होगा। खानपान में सावधानी बरतें। धन खर्च के योग हैं।
कुंभ- शनि-मंगल की युति से कुंभ राशि वालों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपको सबसे अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। कुंभ राशि के जातकों में गुस्सा व चिड़चिड़ेपन का प्रभाव होगा। जीवनसाथी व सहकर्मी के साथ विवाद होने की प्रबल संभावना है।
मंगल-शनि के लिए करें ये उपाय-
मंगल शनि की युति के पीड़ित जातकों को मंगलवार के दिन बजरंगबाण का पाठ करना चाहिए।
शनि व मंगल ग्रह की शांति के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए।
इस युति से पीड़ित जातकों को शनि व मंगल से संबंधित चीजों का दान करना चाहिए।