हर साल ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है। इस साल गंगा दशहरा का पावन पर्व आज यानी 20 जून को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आईं थीं।
मां गंगा के जन्मदिवस को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। वैशाख शुक्ल सप्तमी को ही मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी की ओर आने लगी तो भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं में संभाल लिया। इस कारण यह दिन श्री गंगा सप्तमी नाम से मनाया जाता है। वैशाख शुक्ल सप्तमी को मां गंगा ने भगवान शिव की जटाओं में प्रवेश किया। कहा जाता है कि 32 दिनों तक मां गंगा, भगवान शिव की जटाओं में विचरण करती रहीं। देवताओं और राजा भागीरथ की प्रार्थना पर भगवान शिव ने गंगोत्री जाकर अपनी जटाओं में से एक लट को खोल दिया और वहां से मां गंगा पृथ्वी पर ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को पृथ्वी पर अवतरित हुईं। यह दिन गंगा दशहरा नाम से प्रसिद्ध हुआ।
गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा की पूजा करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि इस दिन गंगाजी में डुबकी लगाने से सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है। गंगा सप्तमी के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। मां गंगा उन्हीं पापों से मुक्त करती हैं जो अनजाने में हुए होते हैं। जानबूझकर किए गए पापकर्म मां गंगा में स्नान करने पर भी समाप्त नहीं होते। गंगाजल को अमृत समान माना गया है। गंगा सप्तमी के दिन प्रात:काल गंगा स्नान करें। गंगा जाने का अवसर न हो तो घर में ही अपने स्नान के जल में थोड़ा गंगा जल मिलाकर स्नान करें। गंगा जयंती के दिन गंगा पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है।