– अस्पताल के निर्माण में गुणवत्ता का नहीं रखा ख्याल आए दिन हो रहे हादसे
रायसेन। रायसेन जिला अस्पताल में एक बड़ा हादसा होते होते हुए टल गया जब एसएनसीयू वार्ड की सिलिंग अचानक भरभराकर गिर गई। गनीमत यह रही की जब सिलिंग गिरी तब भर्ती वार्ड में नर्स निशा रावत मौजूद थी जिसने अपने हाथ पर सिलिंग को झेल लिया अगर सिलिंग नवजात पर गिरते तो किसी बड़ी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता था। वहीं ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. अरूण जलौरिया ने बिना देरी किए नवजात शिशुओं को अन्य वार्ड में शिफ्ट किया। क्योकि सिलिंग गिरने की वजह से शॉर्ट सर्किट होने का खतरा भी बन गया था।
रायसेन जिला अस्पताल की करोड़ों रूपए खर्च किए जाने के बाद नवीन भवन का निर्माण किया गया लेकिन शुरूआत से ही इस निर्माण की घटिया गुणवत्ता पर सवाल खड़े होते रहे है लेकिन ठेकेदार और पीआईयू की मिलीभगत से घटिया निर्माण को हमेशा गुणवत्ता पूर्ण होने की रिपोर्ट लगती रही ओर ठेकेदार को भुगतान कर दिया है। जबकि जिला अस्पताल के चिकित्सक निर्माण की गुणवत्ता से संतुष्ट नहीं है। एक चिकित्सक ने नाम ना छापने की शर्त में यह भी बताया कि जब सिलिंग लग रही तब ही इंजीनियर दुराफे से कहा गया था लेकिन वो उल्टा चिकित्सक से कहने लगे की इंजीनियर मैं हूं या आप। वहीं अस्पताल में की सिलिंग गिरने के घटना के बाद इंजीनियर दुराफे को कॉल किया तो उन्होनें अपना मोबाइल रिसिव नहीं किया।
बाल बाल बची नवजात बच्चों की जान
जिला अस्पताल के एसएनसीयू में नवजात बच्चों को रखा जाता है ओर यह जब हादसा हुआ तब वार्ड में 8 से ज्यादा बच्चे इस रूम में मौजूद थे जहां यह सिलिंग गिरी। वहीं सिविल सर्जन डॉ. अनिल ओढ़ ने बताया की सिलिंग गिरी है पीआईयू को इसकी सूचना दे दी गई है। वहीं आरएमओ डॉ.विनोद सिंह परमार ने बताया की फॉर सिलिंग का कुछ हिस्सा मंगलवार की शाम करीब 6 बजे गिरा हे जिसमें एक नर्र्सिंग ऑफिसर को चोंट आई है। यह अच्छा हुआ की फॉर सिलिंग नवाजात बच्चों पर सीधी नहीं गिरी नहीं तो बड़ी घटना हो सकती थी। पीआईयू विभाग को इस संबंध में पत्र लिखा जाएगा और इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी।