मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
सांची विकासखंड के अंतर्गत आने वाले गांव कुल्हाड़िया और नरखेड़ा गांव के पहाड़ पर तेंदुआ दिखने से गांव में हड़कंप मचा हुआ है इससे पहले भी तेंदुआ ने अंबाडी और दीवानगंज, कयामपुर, में कई लोगों के पशुओं का शिकार कर चुका है कुछ दिनों से अंबाडी और दीवानगंज कयामपुर में तेंदुआ दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन शुक्रवार शनिवार रात्रि को भोपाल विदिशा हाईवे 18 पर स्थित ग्राम कूल्हाड़िया निवासी जहुर खान पिता सुल्तान खान के घर पर में बंधे हुए बकरे के ऊपर तेंदुआ ने रात में हमला कर दिया। जिससे बकरा गंभीर रूप से घायल हो गया। जहुर खान ने बताया कि मैने अपने घर पर लोहे के एंगल की जाली के अंदर 8 बकरा बकरी बंधे हुए थे। तेंदुआ ने देर रात घर के अंदर बंधे हुए बकरे के पैर पड़कर बाहर खींचने की कोशिश की थी मगर लोहे के एंगल होने के कारण बकरा बाहर नहीं खींच पाया, मगर बकरे के पैर पर तेंदुआ ने दांत गड़ा दिए हैं जिससे बकरा गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका इलाज करवा रहा हूं। कुल्हाड़िया गांव पहाड़ से लगकर बसा हुआ है इसी पहाड़ के पास नरखेडा गांव भी है यहां पर लगातार तेंदुआ दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि 2 महीने से लगातार तेंदुआ हमारे जानवरों का शिकार कर रहा है। गांव के निवासी ओमप्रकाश लोधी, धन सिंह लोधी , इरशाद खान, मोहन सिंह, रामदयाल लोधी ने बताया कि हम अपने जानवरों को चरने के लिए पहाड़ पर नहीं भेज पा रहे हैं। हमे हमेशा भय बना रहता है कि कहीं तेंदुआ नीचे उतर कर बच्चों पर हमला न कर दे। इससे पहले भी नर खेड़ा गांव के जानवर को तेंदुआ खा चुका है तेंदुआ का पहाड़ पर दिखने से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भय का माहौल उत्पन्न हो रहा है ग्रामीणों का कहना है कि हम अपने जानवरों को तेंदुआ के डर से पहाड़ पर नहीं छोड़ रहे हैं क्योंकि तेंदुआ इन जानवरों का अपना शिकार बना रहा है कई पशुओं को इससे पहले भी अपना शिकार बना चुका है हमारा गांव नरखेड़ा पहाड़ से लगकर बसा हुआ है तेंदुआ कभी भी ग्रामीणों पर हमला कर सकता है हम लोग 2 महीने से दहशत में जी रहे हैं हमारे बच्चों को पहाड़ के आसपास हम लोग नहीं जाने दे रहे हैं। हम जब भी घर से बाहर निकलते हैं तो हमेशा डर रहता है कई तेंदुआ ना मिल जाए।
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