विदिशा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा पक्षियों को सकोरे रखने का अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में भीषण गर्मी के कारण लोगों का बुरा हाल है। साथ-साथ बेजुबान पक्षियों का भी बुरा हाल है। प्रदेश उपाध्यक्ष मानव अधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग लायन अरुण कुमार सोनी ने बताया कि हम अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। सुख सुविधाओं का ख्याल रखते हैं। थोड़ा सा समय निकालकर हमें इन बेजुबान पक्षियों का भी ख्याल रखना चाहिए। जिसमें कोई खर्चा भी नहीं है ।हर व्यक्ति एक-एक सकुरा पेड़ पर लगाए
और उसमें पानी डालें तो हम कई बेजुबान पक्षियों की जान बचा सकते हैं। मथुरा से आए ब्रह्मा कुमार विनोद भाई जी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आज हमें प्रकृति और संस्कृति को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है। तभी हम समृद्ध समाज बना पाएंगे और हमारे जीवन का होना सार्थक रहेगा। हम यह ना भूले हमारा शरीर प्रकृति से बना हुआ है और पक्षी प्रकृति के अंग है। हमें इन बेजुबान पक्षीयो का ख्याल रखना चाहिए। जितना संभव हो हम अन्य लोगों को प्रेरित करें और एक-एक सकुरा रख उसमें पानी डालने का संकल्प लें तो भी हम बहुत कुछ कर सकते हैं। ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने अपने भाव रखते हुए कहा कि एक कथन है जो हम करेंगे हमें देख और करेंगे। अगर हम इस संकल्प से आगे बढ़ते हैं तो निश्चित ही इस अभियान को हम सफल बना पाएंगे। दुनिया में कहावत है जैसा करोगे वैसा भरोगे, जैसा बोओगे वैसा काटोगे और बोया आज जाता है और काटा जाता है भविष्य में। अगर आप आज हो ही ठीक और अच्छा करते हैं तो ठीक ही होगा। हमारा भविष्य भी ठीक रहेगा। हमें अपनी लाइफ में कुछ उपकार के कार्य करते रहना चाहिए ।यह कार्य दुआ का काम करते हैं और दुआ पैसे से नहीं खरीदी जा सकती। दुआएं ही ईश्वर का प्रसाद और आशीर्वाद होता है। भीषण गर्मी में हम पशु पक्षियों का ख्याल जरूर रखें और उनके लिए पानी की व्यवस्था जरूर करें। ब्रह्माकुमारी रुक्मिणी दीदी ने अपने विचार रखते हैं कहां की कहा जाता है की सेवाधर्म बड़ा कठिन है। सेवाधर्म निभाते-निभाते व्यक्ति से यदि छोटी-मोटी भूल हो भी जाए तो भगवान उसकी ज़िम्मेवारी ले लेते हैं और बहुत युक्ति से अपने सेवाधारी के अहम को समाप्त भी कर देते हैं। रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना के समय हनुमान जी को जो थोड़ा बहुत अहम था, वह भी भगवान ने उखाड़ दिया और वह आत्मा सचमुच अपने नाम के अनुरूप मान-शान से परे, मान को जीतने वाली हनुमान बन गयी। उसी प्रकार जब हम दूसरों के प्रति सेवाभाव रखते हैं तो ईश्वर हमारा साथ जरुर देता हैं। हमें भी पशु पक्षियों का साथ देना चाहिए।