मन में श्रद्धा और विश्वास हो तो दर्शनमात्र से संतानहीन दंपत्ति को होती है संतान प्राप्त
रिपोर्ट देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
स्वास्थ्य लाभ एवं मनोकामना दर्शन मात्र से मिल जाती है मन में श्रद्धा और विश्वास हो तो दर्शनमात्र से संतानहीन दंपत्ति को संतान प्राप्त हो जाती है। ऐसा ही प्रसिद्ध स्थान सिलवानी नगर में स्थित है। माँ विजयासन माता का मंदिर जोकि तीन सदी पुराना बताया जाता है। कुछ बर्षो पूर्व इस मंदिर का जीर्णोद्धार एवं माता की सुंदर आकर्षक प्रतिमा एवं शिव परिवार की स्थापना की गई है।
रायसेन जिला मुख्यालय से मात्र 90 किलोमीटर की दूरी पर सिलवानी की घनी आबादी के मध्य स्थापित इस मंदिर का इतिहास उस समय का बताया जाता है जब कि क्षेत्र में वाहन एवं यातायात हेतु यहां के वाशिंदे घोड़ा, बैलगाड़ी आदि संसाधनों का उपयोग करते थे। बुजुर्ग बताते है कि लगभग तीन शताब्दी पूर्व निकटतम विदिशा जिले के गंजबासौदा नगर के कपूर परिवार माता का भक्त था। परंतु संतानहीन होनेे के कारण प्रायः दुःखी रहता था। तब माँ विजयासन की प्रेरणा से कपूर परिवार की तीसरी पीढ़ी के शिवनंदन कपूर घोड़े की सवारी कर सिलवानी आये तथा माँ विजयासन का मंदिर ढ़ूंढने पर मंदिर नहीं मिला, तब कुछ दिन रूकने पर माँ विजयासन की प्रेरणा से एक कचरे फेंकने के स्थान की सफाई करवाने पर माँ की पांच पिण्डियां प्रकट हुई उनके दर्शन मात्र से शिवनंदन कपूर के घर में पुत्र की किलकारियां गूंजी। तब उस स्थान पर चबूतरा बनबाकर कपूर खानदान के साथ अन्य धार्मिक अस्तिकों ने भी माँ की पूजा अर्चना आरंभ कर दी। कपूर परिवार की तीसरी पीढ़ी के बारिस बद्रीनारायण कपूर धर्मपत्नि कृष्णावती द्वारा बसंत पंचमी 23 जनवरी 1988 को चबूतरे का जीर्णोद्वार एवं मढ़िया की स्थापना की गई थी तब से अनवरत बसंत पंचमी को माँ विजयासन का जन्मदिवस श्रद्धालुओं द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है।
भक्तों की श्रद्धा और आस्था तथा उत्साह के चलते छोटी सी मढ़िया बड़े मंदिर का रूप ले चुकी है। भक्तों द्वारा जनसहयोग से राशि एकत्रित कर मंदिर को गुजरात के कुशल कारीगरों द्वारा आकर्षक नक्काशी कर सुंदर एवं कलात्मक मंदिर बनाया गया है प्रत्येक दिन प्रातः एवं सायंकाल को भक्तों द्वारा माँ की आरती श्रद्धापूर्वक की जाती है।
नवरात्रि के समय मंदिर पर आकर्षक सजावट की जाती है इस मंदिर पर सभी वर्ग के लोग यहां आते हैं! माता रानी सब की मन्नत पूरी करती है!