रीवा ।मध्य प्रदेश में इन दिनों शराब का विरोध बढ़ता जा रहा है और आज रीवा जिले में एक भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी जब समर्थकों के साथ एक शराब की दुकान को बंद कराने पहुंचे तो ठेकेदार अड़ गया। कुर्सी पर बैठकर एमएलए ने धरना शुरू कर दिया तो दोनों पक्षों में विवाद बढ़ा और कुर्सियां फेंकना शुरू हो गईं। एमएलए किसी तरह जान बचाकर वहां से निकले मगर एक व्यक्ति को गंभीर चोट आई है। विधायक ने चेतावनी दी है कि आबकारी अधिकारी को हटाया जाए नहीं तो उनका धरना खत्म नहीं होगा।
मध्य प्रदेश में शराब बंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भोपाल में दो शराब की दुकानों के खिलाफ आंदोलन से शुरुआत की थी और जनप्रतिनिधियों को भी इसके लिए आगे आने को कहा था। भारती ने एक शराब की दुकान पर पत्थर भी फेंका था जिससे राजनीति में उफान आ गया था। इस बार रीवा में भी भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी शराब की दुकान पर उग्र विरोध करने पहुंचे। उन्होंने ठेकेदार की मौजूदगी में उसकी कुर्सी को उठाकर फेंकने को कहा और खुद ने वहां प्लास्टिक की कुर्सी पर समर्थकों के साथ बैठकर धरना शुरू कर दिया। यह मामला रीवा शहर के उर्रहट मोहल्ले की शराब दुकान बरा मोहल्ले का है जिसका क्षेत्रीय लोग विरोध कर रहे हैं।
विधायक से ठेकेदार की तू-तू मैं-मैं: भाजपा विधायक त्रिपाठी जब शराब की दुकान पर पहुंचे तो वहां शराब का लायसेंस लेने वाले ठेकेदार की कुर्सी लगी थी और उसकी कुर्सी एमएलए त्रिपाठी ने फिंकवा दी तो ठेकेदार से उनकी तू-चू मैं-मैं भी हुई। विधायक ने कहा कि देखते हैं कैसे गुंडागर्दी करोगे। यहां गुंडों की खैर नहीं, नरेंद्र मोदी की सरकार है, शिवराज की सरकार है। फिर ठेकेदार से विधायक ने कहा कि तुम बात करने मत आओ तो उसने जवाब दिया कि सरकार ने लायसेंस दिया है। सरकार से कहिये लायसेंस कैंसिल कर दे।