हड़ताली आंगनबाड़ी कर्मियों, सहकारी समिति कर्मचारियों के बीच पहुंचे विधायक सुजीत चौधरी एवं वासुदेव शर्मा
– कहा-शिव राज में 8 हजार में मैनेजर, 4 हजार में डाक्टर और 3 हजार में शिक्षक की नौकरी
तारकेश्वर शर्मा
छिंदवाड़ा। 21 दिन से हडकाल पर बैठीं आंगनबाड़ी कर्मियों एवं सहकारी समितियों के कर्मचारियों को पूर्व मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथजी एवं लोकप्रिय सांसद नरुलनाथजी के निर्देश पर समर्थन देने चौरई विधायक सुजीत चौधरी एवं कामगार कर्मचारी कांग्रेस के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा उनके पंडाल में पहुंचे, जहां हड़ताली कर्मियों ने अपने मांगपत्र विधायक सुजीत चौधरी को देते हुए मांगों के निराकरण के लिए सहयोग मांगा।
हड़ताली कर्मियों को संबोधित करते हुए विधायक सुजीत चौधरी ने कहा कि आप लोग फील्ड में काम करने वाले कर्मचारी हैं, जो शासन की तमाम योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का काम करते हो इसलिए आपको सरकार का कर्मचारी के समान वेतन भत्ते मिलने चाहिए लेकिन देखने में आ रहा है कि शिवराज सरकार 8 हजार में मैनेजर, 4 हजार में डाक्टर और 3 हजार में शिक्षक की नौकरी दे रही है, जो अपने आप में चौकाने वाली सच्चाई है। सहकारी समितियों में 8 हजार, वन विभाग में 6 हजार वेतन प्रबंधकों को देती है, हाल ही में योगा डाक्टर आउटसोर्स एजेंसी से रखें हैं जिन्हें 4 हजार और स्कूल में पढाने वाले अतिथि शिक्षक को 3-4 हजार तक वेतन दिया जाता, जो शिवराज सरकार की शर्मनाक सच्चाई है। आंगनबाड़ीकर्मियों के लिए पोषण मटका योजना लाकर उन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर कर रही है, शिवराज सरकार के पास नौकरियों की कोई नीति बी नहीं है इसलिए इस तरह की असमानताएं पैदा हुई हैं। ऐसी अमानवीय, असंवेदनशील शिवराज सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
कामगार कर्मचारी कांग्रेस के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने कहा कि हर तरह के कामगार का शोषण भाजपा सरकार में हो रहा है, 28-29 मार्च की संयुक्त हड़ताल कामगारों, कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ थी जो ऐतिहासिक रही। आंगनबाडीकर्मियों की एकजुटता ने शिवराज सरकार को झुकने को मजबूर कर दिया, 29 मार्च को मुख्यमंत्री को आकर कहना पडा कि 8 अप्रैल़ को भोपाल में पंचायत बुलाकर उनकी मांगों का निराकरण करेंगे, यह होती है एकजुट संघर्ष की ताकत।
सहकारिता कर्मियों से संवाद करते हुए शर्मा ने कहा कि शिवराज सरकार ने सहकारिता क्षेत्र को बर्बाद कर दिया है, 2003 से पहले इस विभाग के पास शक्कर मिलें, सोयाबीन प्लांट, भूमि विकास बैंकों, वेयर हाऊसों सहित लाखों करोडों के उपक्रम थे, जिनमें लाखों कर्मचारी काम करते थे, शिवराज सरकार ने इन्हें 18 साल में बेच खाया, कहना का मतलब यह है कि कांग्रेस की सरकार ने 2003 तक जो बनाया था, भाजपा सरकार ने वह सब बर्बाद कर दिया और कर्मचारियों को आर्थिक मुश्किलों में धकेल दिया, ऐसी कामगार कर्मचारी विरोघी सरकार से अलोकतांत्रिक तरीके से बदला लेना होगा, कामगार कर्मचारी कांग्रेस आपके साथ है।