अयोध्या/ नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अयोध्या हवाई अड्डे को अंतररष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने और इसका नाम ‘‘महर्षि वाल्मिकी अंतररष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्याधाम” रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने माना कि अयोध्या की आर्थिक क्षमता और वैश्विक तीर्थ स्थल के रूप में इसके महत्व को समझने, विदेशी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए दरवाजे खोलने के लिए अयोध्या हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देना उचित है।
अयोध्या के हवाई अड्डे का नाम, ‘‘महर्षि वाल्मिकी अंतररष्ट्रीय हवाई अड्डा, अयोध्याधाम” रखा गया है। इसके माध्यम से महर्षि वाल्मिकी को श्रद्धांजलि दी गयी है जिन्होंने रामायण महाकाव्य की रचना की थी। इस प्रकार से हवाई अड्डे की पहचान में एक सांस्कृतिक स्पर्श जुड़ गया। अपनी गहरी सांस्कृतिक जड़ों के साथ अयोध्या रणनीतिक रूप से एक प्रमुख तीर्थ स्थल के साथ ही एक बड़ा आर्थिक केंद्र बनने की स्थिति में है। अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों को आकर्षित करने और और व्यवसायों के लिए हवाई अड्डे की क्षमता दीर्घकालिक जरूरतों के अनुरूप है।
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोहा
श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में 70 एकड़ भूमि में बने भव्य और नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होनी है। मंदिर के उद्घाटन में अब बहुत कम समय बचा है, ऐसे में तैयारियां जोरों पर है। जानकारी के मुताबिक, 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां भी शुरू कर दी गई है। क्योंकि पूजन प्रकिया 16 जनवरी से ही विधि-विधान से शुरू हो जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा की पूजा देशभर के 121 पंडित द्वारा संपन्न होगी। साथ ही 2 मंडप और 9 हवन कुंड भी तैयार किए जा रहे हैं। प्रत्येक हवन कुंड से विशेष महत्व और उद्देश्य भी जुड़ा है।