पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं की भूमिका ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उसने पिछड़ा वर्ग की पीठ पर मारा छुरा-प्रदेश अध्यक्ष श्री भगत सिंह
रायसेन।जब पंचायत चुनाव की घोषणा हो गई थी तो कांग्रेस को उसमें व्यवधान डालने की क्या आवश्यकता थी। दरअसल, कांग्रेस के निशाने पर चुनाव के नियम कायदे नहीं, पिछड़ा वर्ग को नीचा दिखाने के मंसूबे थे। कांग्रेस को सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर कोई भरोसा नहीं है। कांग्रेस का भरोसा सिर्फ समाज को बांटो और राज करो की नीति पर है। कांग्रेस नहीं चाहती कि पिछड़ा वर्ग और अन्य पीछे रह गए समाजों को राजनैतिक और आर्थिक बराबरी का अधिकार मिले। पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं की भूमिका ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उसने पिछड़ा वर्ग की पीठ पर छुरा।
यह बात पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री भगत सिंह कुशवाहा ने प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा कार्यालय रायसेन में कहीं।
पिछड़ा वर्ग मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लेकिन भारतीय जनता पार्टी सबका साथ, सबका विकास चाहती हैं। यही कारण है कि विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हम चाहते हैं कि पंचायत चुनाव ओबीसी के आरक्षण के साथ हो। यही कारण है कि विगत 26 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई, जिसमें कैबिनेट ने अपने ही अध्यादेश को वापस ले लिया। साथ ही प्रस्ताव को मंजूरी के लिए इसे राज्यपाल के पास भेजा। जिसके बाद पंचायत चुनाव निरस्त हुए।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम मुख्यमंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष माननीय श्री विष्णुदत्त शर्मा जी के आभारी हैं, जिन्होंने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के बिना होने वाले पंचायत चुनाव के न कराए जाने के प्रयास किए पिछड़ा वर्ग को लेकर कांग्रेस के सबसे बड़े षड्यंत्र का खुलासा तभी हो गया था जब उसकी सरकार ने विधानसभा को लिखित में बताया कि मध्यप्रदेश में ओबीसी की आबादी 27 प्रतिशत है। इसी आधार पर सरकारी नौकरियों में ओबीसी समाज आरक्षण से वंचित रह गया। हम मानते हैं कि पंचायत चुनाव में पिछड़ा समाज को हुए नुकसान के लिए कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ उनके राज्यसभा श्री विवेक तनखा पूरी तरह दोषी हैं। क्योंकि उनके कारण हो गरी चुनाव प्रक्रिया बाधित हुई।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा की हम पिछड़ा वर्ग समाज के बारे में जानते हैं कि वह एक जागरूक समाज है इसलिए वह उसी समय कमलनाथ की चालबाजी समझ गया था। परिणामतः कांग्रेस को लोकसभा में 29 में से 28 सीटों पर करारी हार झेलनी पड़ी थी। सब जानते हैं कि कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने का जो शिगूफा छोड़ा था, उस पर न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए रोक लगा दी थी। कांग्रेस यह जानती थी और यह चाहती भी थी कि इस निर्णय पर स्टे लग जाए। इसीलिए तो न कांग्रेस ने कैविएट दायर की और न ही अपने वकीलों को निर्णय के पक्ष में न्यायालय में उतारा। कांग्रेस की जालसाजी का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता उनकी सरकार अपने विधेयक में मध्यप्रदेश में पिछड़ की जनसंख्या 27 प्रतिशत बताती है, जबकि राज्य में पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 51 प्रतिशत है। जरा सोचिए जिस समाज की जनसंख्या का प्रतिशत 27 हो तो क्या उसे 100 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है।लेकिन हमारी केन्द्र और राज्य सरकार पिछड़े वर्ग के लोगों के सर्वांगिण विकास के लिए हर संभव प्रयास करती है। यदि केंद्र में माननीय नरेंद्र मोदी जी की सरकार नहीं आती तो शायद आज भी पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं होता। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा ओबीसी वर्ग को नीट परीक्षा में 27 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय किया गया। केन्द्र सरकार के इस महत्वपूर्ण फैसले से प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
प्रेस वार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश किरार और पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष श्री विनोद साहू सहित पार्टी के कार्यकर्ता व प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रिक मीडिया के पत्रकार बंधु उपस्थित रहे।
न्यूज सोर्स-हरि साहूजिला मीडिया प्रभारी रायसेन