नवरात्रि भारत में सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दौरान भक्त नौ दिनों का उपवास करते हैं और मां दुर्गा की पूजा करते हैं। इस बीच प्रमुख देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। ऐसे में आज हम आपको देश के ऐसे ही कुछ प्रमुख शक्तिपीठों के बारे में बताएंगे जहां आप दर्शन के लिए जा सकते हैं।
मंगला गौरी मंदिर, गया (बिहार)
मान्यता के अनुसार , देवी सती का स्तन यहीं गिरा था। ऐसे में नवरात्रि उत्सव के दौरान, यहां भव्य समारोह का आयोजन होता है। मान्यता है कि यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी (असम)
यह मंदिर भारत में सबसे प्रमुख शक्ति पीठों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर उसी स्थान पर बना है जहां देवी सती की योनि या योनि गिरी थी। यहां आपको योनि की एक छोटी सी मूर्ति के साथ एक गुफा मिलेगी। नवरात्रि पर मंदिर में भारी भीड़ उमड़ती है।
कालीघाट मंदिर, कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
कोलकाता में शारदीय नवरात्रि के दौरान दुर्गा पूजा की धूम रहती है। इस दौरान कालीघाट मंदिर में भी खूब भक्त दर्शन के लिए जाते हैं। मान्यता है कि यहां देवी सती के दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। आदि गंगा के तट पर स्थित यह मंदिर 2000 वर्ष से भी अधिक पुराना है।
त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, उदयपुर (त्रिपुरा)
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार जिस जगह देवी सती का दाहिना पैर गिरा था। यहां मां का शक्तिपीठ है। यह मंदिर उत्तर पूर्व भारतीय राज्य त्रिपुरा में उदयपुर शहर (जिसे पहले रंगमती के नाम से जाना जाता था) में स्थित है। भक्त मां काली से प्रार्थना करते हैं, जिनकी मंदिर में सोरोशी के रूप में पूजा की जाती है।
ज्वाला देवी मंदिर, कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)
हिमाचल प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक है ज्वाला देवी मंदिर। यह कांगड़ा घाटी से लगभग 40 किमी दक्षिण में है। मंदिर अपनी नौ शाश्वत (स्थायी) ज्वालाओं के लिए प्रसिद्ध है, जिनका नाम देवी शक्ति के नौ रूपों के नाम पर रखा गया है
वैष्णो देवी मंदिर, कटरा (जम्मू और कश्मीर)
यह भारत के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है, जहां दुनिया भर से हिंदू श्रद्धालु आते हैं। जम्मू-कश्मीर के कटरा जिले में स्थित इस मंदिर में साल भर तीर्थयात्रियों की भीड़ लगी रहती है। ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा चट्टानों के रूप में यहां एक गुफा के अंदर निवास करती हैं। मंदिर कटरा से 13 किमी की चढ़ाई पर है।