जबलपुर। रविवार को जबलपुर सहित संभाग के कटनी, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, सिवनी सहित आस-पास के जिलों में वर्षा का सिलसिला जारी है। हालांकि कहीं-कहीं भारी वर्षा का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। बहरहाल रूक-रूक हो रही वर्षा से लोगों को उमस भरी गर्मी से बड़ी राहत मिली है, लेकिन कई जिलों में वर्षा से जलभराव की स्थिति भी बन गई है जिससे लोग परेशान हैं। वर्षा से दिन का अधिकतम तापमान लगातार नीचे जा रहा है।
मंडला-निवास रोड में धंसक गई पहाड़ की मिट्टी
मंडला जिल में लगातार हो रही वर्षा के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है एक बार पुनः बरसाती नालों के उफान पर आने के कारण स्थानीय पुल पुलिया बरसाती नालों में डूब गए हैं। इसके साथ ही मंडला -निवास मार्ग पर बकौरी के नजदीक पहाड़ धंसकने से यह मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है और दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लगने लगी है। चूंकि मंडला- जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगे होने के कारण सभी भारी वाहनों को बदले हुए रूट से जबलपुर भेजा जा रहा है।
कटनी आधे घंटे की वर्षा में लबालब हुआ घंटाघर चांडक चौक मार्ग
कटनी जिले में सुबह से वर्षा का दौर शुरू हो गया है। रविवार को आधे घंटे हुई झमाझम वर्षा ने जहां लोगों को उमस से राहत दी तो वही फिर लोगों की परेशानी बढ़ गई। घंटाघर से चांडक चौक के बीच पानी निकासी की पर्याप्त व्यवस्था न हो पाने के कारण पूरा मार्ग तालाब में तब्दील हो गया। घुटने से अधिक भरे पानी के बीच से लोग वाहन निकालते रहे और चांडक चौक में जाम की स्थिति रही। घंटाघर मार्ग पर नाले चोक होने के कारण पहले भी ऐसी स्थिति बनती रही है। दोलती बाई धर्मशाला के सामने और तिलक राष्ट्रीय स्कूल के पास आधे तक वाहन पानी में डूब कर निकलते रहे तो दोनों ओर के ट्रांसपोर्ट के कार्यालयों में अन्दर तक पानी भर गया। जिसके चलते लोग परेशान रहे। जून माह के अंतिम सप्ताह में हुई वर्षा के दौरान भी ऐसी ही स्थिति बनी थी। जिसके बाद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने मार्ग का निरीक्षण कर पानी निकासी की व्यवस्था बनाने के निर्देश कर्मचारियों को दिए थे। उसके बाद भी हालात में सुधार नहीं हुआ है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल रिमझिम वर्षा का दौर जारी है।
बालाघाट में घरों में घुसा पानी, तो गुस्से से लोगों ने जाम की सड़क
रातभर हुई वर्षा के चलते शहर के अधिकतर इलाकों में जलभराव के हालात बन गए हैं। नगरीय क्षेत्र वार्ड क्रमांक-चार कन्हारटोला में हालात बद से बदतर हैं। यहां एक दर्जन से अधिक घरों में पानी घुस गया है। सड़कें पानी से लबालब है। हर साल वर्षा के दिनों में बनने वाले जलभराव से आक्रोशित लोगों ने रविवार सुबह पुलिस की बेरिगेटिंग निकालकर रोड के बीचों-बीच रखकर चक्काजाम कर दिया। देर तक हंगामे के बाद एसडीएम बालाघाट गोपाल सोनी और कोतवाली थाना प्रभारी केएस गेहलोत ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाइश दी और बेरिगेटिंग हटवाकर आवागमन दोबारा शुरू कराया। इसके बाद नगर पालिका के अमले ने उस नाले की सफाई शुरू कराई जिसकी वजह से पानी की निकासी बाधित हो रही थी, लेकिन इस नाले के ऊपर बने पक्के निर्माण नगर पालिका के लिए बड़ी चुनौती हैं। पूर्व में नाले के ऊपर अवैध मकान और दुकानों के निर्माण के चलते उक्त नाला जाम है। यही वजह है कि वार्ड क्रमांक-चार का अधिकतर इलाका थोड़ी-सी वर्षा में जलमग्न हो जाता है।
सिवनी के बरघाट में दर्ज हुई 6 इंच से ज्यादा वर्षा
सिवनी जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में देर रात से मानसून के सक्रिय होने से जोरदार वर्षा का दौर जारी है।शनिवार देर रात से हो रही झमाझम वर्षा रविवार सुबह भी जारी रही है।रात में तेज वर्षा के बाद सुबह रिमझिम वर्षा का असर जनजीवन पर भी नजर आया है।घरों से निकलने से लोग बचते रहे, बाजार में रौनक भी कम नजर आई। कहीं तेज तो कहीं रिमझिम वर्षा के कारण छोटे-छोटे नदी नाले लबालब हो गए हैं। सावन माह में वर्षा की झड़ी लगने से गर्मी व उमस से लोगों को पूरी रतह राहत मिल गई है।सुबह ठंड फुहार के साथ गिरते पानी का लोगों ने आनंद लिया। वहीं रोजमर्रा के कामों के लिए घर से बाहर जाने-आने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।मौसम विभाग के अनुसार सुबह 8 बजे तक बीते 24 घंटे में बरघाट विकासखंड में सबसे ज्यादा 160 मिमी (करीब छह इंच से ज्यादा) वर्षा दर्ज की गई है।जिला मुख्यालय के सिवनी विकासखंड में 88.4 मिमी (करीब चार इंच) वर्षा इस दौरान दर्ज हुई है।वहीं आदिवासी बाहुल्य विकासखंड घंसौर में 92 मिमी, धनौरा 80 मिमी, लखनादौन में 74 मिमी, कुरई में 40 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। इसके अलावा केवलारी में 28 मिमी और छपारा में भी अच्छी वर्षा बीते 24 घंटे में हुई है।हालाकि अतिवर्षा से फिलहाल कहीं कोई बड़ी नुकसानी या जनहानि होने की जानकारी नहीं मिली है।
बंगाल की खाड़ी तक बनी है मानसून द्रोणिका
मौसम विभाग के अनुसार मानसून द्रोणिका वर्तमान में बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। झारखंड पर हवा के ऊपरी भाग में एक प्रभावी चक्रवात बना हुआ है। अरब सागर और उससे लगे गुजरात पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। उत्तर-पश्चिमी राजस्थान पर भी एक चक्रवात मौजूद है। गुजरात के तट से लेकर केरल के तट तक एक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। इसके अतिरिक्त हिमालय के पास एक पश्चिमी विक्षोभ भी बना हुआ है। अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी मिलने के कारण जबलपुर सहित प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा होने का सिलसिला जारी रहेगा।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.