सुरेन्द्र जैन धरसीवां
आरटीओ की आये दिन हो रही कार्यवाही के बाबजूद ओधोगिक क्षेत्र उरला सिलतरा में बिना नम्बर प्लेटों के कबाड़ से भरे ट्रक निर्भीक होकर दौड़ते नजर आते हैं जो यदि कोई दुर्घटना कर फरार भी हो जाएं तो कोई नम्बर तक नहीं देख सकता क्योकि उनमे नम्बर प्लेट ही नहीं लगी रहती ।
बिना परमिट के बिना टेक्स चुकाए ओधोगिक क्षेत्र सिलतरा उरला के यार्डों एवं फेक्ट्रियो में भाड़े पर लोकल में काम काम करना बहुत आसान होता है क्योकि यहां पकड़ाने का कोई भय भी नहीं रहता फिर चाहे ऑटो टेक्सी हों या ट्रक हाइवा या कोई हेडरा व जेसीबी हो टेक्स के डिफाल्टर भी हो तो फेक्ट्रियो के लोकल रोजमर्रा के काम आसानी से कर लेते हैं ।
कबाड़ का धंधा वैध हो या अवैध लंबे समय से ओधोगिक क्षेत्र में चलता आ रहा है जो भविष्य में भी संभवतः इसी तरह चलता रहेगा लेकिन बिना नम्बर प्लेट लगे पुराने जर्जर ट्रकों में भरकर लाना ले जाना समझ से परे है।।