सुरेन्द्र जैन
जैन धर्म और जैन धर्म के चौबीस तीर्थंकरों व महान तपस्वी मुनिराजों के प्राणी मात्र के प्रति दया करुणा उनके अस्तमकल्याण की भावनाओ के कई किस्से मिल जाएंगे इसी कड़ी में सोमबार को एक ओर जीवदया की सत्य घटना जुड़ गई जब कुंडलपुर सिद्ध क्षेत्र में तप कर रहे आचार्यश्री विद्यासागर जी के परम शिष्य पूज्य ऐलक निश्चय सागर जी के सामने रेलिंग पर एक सर्प पहुच गया और उन्होंने उस सर्प की आत्मकलयाण की भावना के साथ उसे णमोकार महामंत्र सुनाया ऐलक श्री द्वारा सर्प को णमोकार महामंत्र सुनाने का यह वीडियो बहुत वायरल भी हो रहा है।
यह सत्य घटना सिद्ध क्षेत्र कुंडलपुर जी मे स्थित सन्त भवन कि छत के ऊपर की है दोपहर का समय था आचार्यश्री सहित सभी मुनिराज व ऐलक क्षुल्लक सामायिक कर रहे थे इसी दौरान एक सर्प ऐलक निश्चय सागर जी के सामने छत की रेलिंग पर कहीं से आ गया मूक प्राणियों के प्रति दया करुणा उनके आत्म कल्याण की भावना के साथ सामयिक से उठते ही पूज्य ऐलक श्री सर्प के करीब पहुचे उसे आशीर्वाद दिया और णमोकार महामंत्र सुनाया इस दौरान सर्प भी पूज्य मुनिराज के दर्शन कर णमोकार महामंत्र सुनते हुए दिखाई दिया और जब तक पूज्य ऐलक जी णमोकार मंत्र सुनाते रहे वह वहां से टस से मस नहीं हुआ।
कभी नैनागिरजी में आता था नाग नागिन का जोड़ा
पूज्य दिगंबर मुनिराजों के समक्ष सर्प के आने की यह कोई पहल सत्य घटना नहीं है बल्कि इससे भी बड़ी सत्य घटना सालों पहले सन्त शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी महामुनिराज के साथ प्रवचन के समय नैनागिर सिद्ध क्षेत्र में लंबे समय तक हुई थी जब आचार्य श्री के नैनागिरजी के जल मन्दिर में प्रवचन होते थे तब एक नाग नागिन का जोड़ा उनके सामने आकर बैठ जाता था जो बड़े ध्यान से प्रवचन सुनने की मुद्रा में होता था लेकिन प्रवचन समाप्त होते ही गायब हो जाता था उन दिनों समाज मे यह चर्चा बहुत फैली रही थी इसके अलावा एक बार आचार्यश्री के डिंडोरी की तरफ जंगल मार्ग से विहार के दौरान रास्ते मे शेर शेरनी का जोड़ा भी आकर दर्श किया था जिसे आचार्य श्री ने मंगल आशीर्वाद दिया था ऐंसी कई घटना सन्त शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागर जी के तपस्या के दौरान विहार के दौरान हो चुकी हैं।