उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गुरुवार को झांसी में माफिया अतीक अहमद के फरार बेटे असद और उसके साथी गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया। इस एनकाउंटर के बाद यूपी सरकार के खिलाफ राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ और हैदरबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने असद एनकाउंटर पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे धार्मिक भेदभाव करार दिया। उन्होंने गुरुवार को कहा, “बीजेपी (BJP) महजब के नाम पर एनकाउंटर करती है। कोर्ट और जज किस लिए हैं? अदालतों को बंद कर दो। क्या बीजेपी वाले जुनैद और नासिर के मारने वालों को भी गोली मारेंगे, नहीं क्योंकि ये मजहब के नाम पर एनकाउंटर करते हैं।”
एनकाउंटर की हो जांच – मायावती
झांसी में हुए एनकाउंटर के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने इस एनकाउंटर की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। मायावती ने अपने ट्वीट में इसे हत्या बताते हुए इसकी उच्च-स्तरीय जांच कराये जाने की मांग की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “प्रयागराज के अतीक अहमद के बेटे व एक अन्य की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर अनेकों प्रकार की चर्चायें गर्म हैं। लोगों को लगता है कि विकास दुबे काण्ड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई है। अतः घटना के पूरे तथ्य व सच्चाई जनता के सामने आ सके इसके लिए उच्च-स्तरीय जांच जरूरी।”
भाईचारे खिलाफ बीजेपी- अखिलेश यादव
सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी एनकाउंटर पर सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने कहा कि झूठे एनकाउंटर करके बीजेपी सरकार सच्चे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है। भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं। आज के व हालिया एनकाउंटरों की भी गहन जांच-पड़ताल हो व दोषियों को छोड़ा न जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी भाईचारे के खिलाफ है।
तमाम विवादों के बीच यूपी से सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस एनकाउंटर के लिए एसटीएफ की पीठ थपथपाई है और साफ किया है कि माफिया सरगना और अपराधियों के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी।
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