3 दिन से किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन पंजीयन कराने हो रहे हैं परेशान
-105 गांवों के 10 हज़ार किसानों का होना है पंजीयन
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की विशेष रिपोर्ट
रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहूॅ के उपार्जन के लिए किसान पंजीयन 05 फरवरी से प्रारंभ किए गए हैं। रायसेन कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे द्वारा जिले में 116 पंजीयन केन्द्र निर्धारित किए गए हैं। इन केन्द्रों पर पंजीयन कार्य 05 फरवरी से 05 मार्च 2022 तक सुबह 07 बजे से रात 09 बजे तक किया जाएगा। सलामतपुर, सांची, दीवानगंज व पगनेश्वर सोसाइटी में किसान पंजीयन कराने जा रहे हैं साइड में अपडेशन का कार्य चलने के कारण पंजीयन नहीं हो रहे हैं। जिससे किसान अपना काम छोड़कर सोसाइटी पहुंचते हैं। मगर वहां से उन्हें खाली हाथ ही आना पड़ता है। जबकि 5 फरवरी से पंजीयन का कार्य जिले में प्रारंभ हो गया है। मगर अभी तक 3 दिन बीत जाने के बाद भी एक भी पंजीयन नहीं हुआ है। अब ऐसे में किसान पंजीयन कराने पहुंच रहे हैं। और पंजीयन नहीं होने की दशा में खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। जिससे किसानों को काफी परेशानी हो रही है। किसान कमल सिंह मीणा ने बताया कि 3 दिन से रोज सोसाइटी के चक्कर लगा रहे हैं। यहां पर पंजीयन हो नहीं रहे हैं। बताया जा रहा है कि खसरा रिकॉर्ड नहीं आ रहा है। जिसकी वजह से परेशानी आ रही है। 3 दिन बीत जाने के बाद भी एक भी किसान का पंजीयन नहीं हुआ है।
चारों सहकारी सोसायटियों में होना है 10 हज़ार किसानों के पंजीयन- सलामतपुर, पगनेश्वर, दीवानगंज व सांची चारों कृषक सेवा सहकारी समितियों में लगभग 105 गांवों के दस हज़ार किसानों के पंजीयन होना हैं। लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी एक भी किसान का पंजीयन नही हो पाया है। जिसके कारण प्रतिदिन सैंकड़ों किसान समितियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
इस बार किसानों को दी गईं हैं नई सुविधाएं, हकीकत 3 दिन में नही हुआ 1 भी पंजीयन:-शासन द्वारा इस बार किसानों को नई सुविधाएं दी गई है। कि जैसे किसान किस सेंटर पर अपनी उपज बेचना चाहते है, किस तारीख को उपज लेकर आएंगे, यह तय करने की सुविधा किसानों को ही दी गई है। रजिस्ट्रेशन के समय किसान इन दोनों विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते है। और शासन द्वारा कियोस्क, लोक सेवा केन्द्र, कॉमन सर्विस सेन्टर, निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित सायबर कैफे पर रजिस्ट्रेशन का शुल्क भी तय कर दिया गया है। पचास रूपए फीस इसके लिए तय की गई है। इतना सब करने के बाद भी सैंकड़ों किसान पंजीयन के लिए ही प्रतिदिन परेशान हो रहे हैं।
पिछले साल का पंजीयन नही होगा मान्य:-गौरतलब है कि पिछले वर्ष का रजिस्ट्रेशन इस बार मान्य नहीं होगा। किसानों को नया रजिस्ट्रेशन कराना होगा। नए सिरे से पंजीयन प्रक्रिया होगी। किसानों को पंजीयन कराते समय जमीन की बही, आधार कार्ड, बैंक एकाउंट की पासबुक, बैंक एकाउंट से आधार कार्ड लिंक होना चाहिए।किसान का पंजीयन उसी स्थिति में होगा, जब भू-अभिलेख में दर्ज खाते, खसरा, आधार कार्ड का मिलान हो तभी किसान पंजीयन हो सकेगा। उपार्जन पंजीयन एवं फसल बेचने हेतु उपार्जन केन्द्र, तिथि एवं टाइम स्लॉट चयन करने की समयावधि भी जारी की गई है। जिसके अनुसार पंजीयन कार्य पांच फरवरी से पांच मार्च तक उपार्जन केंद्रों पर सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक, ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील कार्यालय में स्थापित सुविधा केन्द्रों पर कार्य दिवसों, कार्यालयीन समय पर किया जा सकेगा। फसल बेचने हेतु उपार्जन केन्द्र तिथि एवं समय स्लॉट का चयन हेतु अवधि सात मार्च से बीस मार्च तक निर्धारित की गई है। वहीं उपार्जन अवधि की संभावित तिथि 25 मार्च से 15 मई तक रखी की गई है।
इनका कहना है।
पंजीयन करने में जब किसान का रकबा जोड़ते हैं तो किसान का रकबा जुड़ नहीं रहा है। उसमें बताया जा रहा है कि किसान के रकवे को आधार से लिंक करिए तभी पंजीयन हो पाएगा। किसान के मोबाइल पर ओटीपी भी नहीं पहुंच रहा है। अधिकतर किसानों के आधार कार्ड मोबाइल से लिंक नहीं है। खसरा आधार से लिंक नहीं है। इसलिए समस्या आ रही है। ऊपर अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया गया है। वहां से बोला गया है कि दो-तीन दिन में समस्या का हल हो जाएगा।
अनीस खान, ऑपरेटर सहकारी संस्था दीवानगंज।
में 3 दिन से पंजीयन कराने के लिए सहकारी संस्था के चक्कर लगा रहा हूं। लेकिन प्रतिदिन मुझे पंजीयन नही होने के कारण निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। सुविधाओं के नाम पर किसानों को परेशान किया जा रहा है।
रघुवीर मीणा, कृषक बडनपुर रातातलाई।