वन क्षेत्रों में पेड़ काटने पर है रोक, सख्त एक्शन की बजाय वन विभाग का ध्यान मोटी कमाई पर सख्ती नहीं, उलटे कटे पेड़ों से विभाग की करोड़ों की ‘कमाई
शिवलाल यादव
रायसेन।जिले के सामान्य वन मण्डल रायसेन, ओबेदुल्लागंज में हर साल लाखों हरेभरे पेड़ों की बलि जलाऊ इमारती लकड़ी के लिए चढ़ा दी जाती है।जिससे रायसेन जिले के पर्यावरण को खतरा बनने लगा है।लकड़ी तस्कर जंगलों में वन कर्मियों के गठजोड़ से हमेशा सक्रीय रहते हैं।जिन्हें जिले में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं मंत्रियों सफेद पोश नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त होता है।जिससे वह बैखोफ होकर जंगलों को आहिस्ता आहिस्ता नेस्तनाबूत बनाने में जुटे हुए हैं।
हर साल 3 हजार मामले दर्ज
पिछले तीन सालों में वन क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का कागजी आंकड़ा कुछ राहतभरा जरूर है,।लेकिन हकीकत इससे अलग है। हर साल करीब 3 हजार मामले दर्ज किए जा रहे हैं,।लेकिन ज्यादातर मामलों में केवल जुर्माना वसूलने तक की कार्रवाई कर इतिश्री की जा रही है। छह महीने तक की जेल का प्रावधान है.
इनका कहना है….
वन क्षेत्रों में पहले की तुलना में गश्त बढ़ाई है। जहां इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, वहां सख्ती भी की जा रही है। दस साल के आंकड़ों पर गौर करें तो इसमें कमी आई है। जहां तक आमदनी की बात है तो कई क्षेत्रों में खुद भी पेड़ कटवाते हैं। उसके बेचने से यह आय होती है। राजेश कुमार खरे सीसीएफ भोपाल वन वृत
विभाग का जलाऊ लकड़ी के परिवहन पर प्रतिबंध….हाइवे किनारे होटल ढाबों के तंदूर धंधक रहे
हालांकि दोनों सर्किल के विभागों के आला अफसरों द्वारा पेड़ों को बचाने के लिए सरकार ने वन क्षेत्रों से जलाऊ लकड़ी काटने पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद लगातार अवैध रूप से पेड़ों की कटाई का सिलसिला लगातार जारी है। ऐसे मामलों को रोकने के लिए सख्त एक्शन लेने की बजाय वन विभाग इन लकड़ियों से ही ’कमाई’ करने में जुटा है। पिछले 2 वित्तीय वर्ष में ही विभाग ने जलाऊ लकड़ी से 11.30 करोड़ रुपए की कमाई की। इससे सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई जंगलों में पेड़ों की कटाई रुक पाई है? विभाग जिस तरह कार्रवाई कर रहा है, उससे भी साफ है कि वनों में कटाई रोकने में ज्यादा फोकस नहीं है। जबकि, वन मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर विभाग के प्रमुख शासन सचिव तक मॉनिटरिंग का दावा करते रहे हैं।