देवेंद्र तिवारी सांची रायसेन
वैसे तो इस विश्व विख्यात पर्यटक स्थल का कायाकल्प बदलने के साथ ही नगर को इसके अनुरूप ढालकर सुंदरता का जामा पहनाने लाखों करोड़ों खर्च करने के बाद भी नगर में बसस्टेंड स्थित यात्री प्रतीक्षालय अपनी कायाकल्प बदलने का इंतजार कर रहा है परन्तु इस प्रतीक्षालय से सभी बेखबर बने हुए हैं । इससे नगर की छवि देश विदेश में दागदार होती जा रही है।
जानकारी के अनुसार नगर में स्थित बसस्टेंड परिसर में एक मात्र यात्री प्रतीक्षालय तब निर्मित किया गया था जब इस स्थल के कायाकल्प बदलने का बीड़ा विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने उठाया था ।तब मुख्य बाजार स्तूप चौराहे पर हुआ करता था तब प्रशासन ने चौराहे से दुकानदारों को हटाकर विस्थापित करने के लिए इस बसस्टेंड का निर्माण कराया था तथा तब बसें भी इस बसस्टेंड से होकर गुजरती थी जैसे जैसे समय गुजरा सरकार ने विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को हटाकर नगर के विकास की कमान स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सुपुर्द करते हुए नगर परिषद का गठन किया ।नप के गठन के साथ ही इस बसस्टेंड परिसर को ग्रहण लगना शुरू हो गया तथा बसस्टेंड की रिक्त भूमि पर अतिक्रमण कारियो के मंसूबे कामयाब होते चले गए तथा इस बसस्टेंड की सड़कों को अतिक्रमण लील गया जिससे इस बसस्टेंड परिसर में यात्री बसों का आना बंद हो गया तबसे ही अतिक्रमण कारियो के होसले बुलंद होते चले गए तथा बसस्टेंड की भूमि अतिक्रमण कारियो की भेंट चढ़ गई यहां बनाये गये फुटपाथ पूरी तरह अतिक्रमण कारियो की चपेट में आ गए इन अतिक्रमण कारियो में आम आदमी ही शामिल नहीं रहे बल्कि राजनीतिक रसूखदारों की भी बल्ले बल्ले हो गई । इतना ही नहीं स्थानीय प्रशासन होते हुए उसी के सामने अतिक्रमण बढता गया परन्तु प्रशासन में इस अतिक्रमण को रोकने की हिम्मत नहीं हो सकी बल्कि अतिक्रमण कारियो में प्रश्रय मिलता चला गया इस परिषद में बैठे अधिकारी कर्मचारियों में इसे रोकने की हिम्मत नहीं हो सकी जिसका नतीजा यह हुआ कि इस प्रतीक्षालय में यात्रियों के स्थान पर आवारा पशुओं का ठिकाना बन गया तथा यह यात्री प्रतीक्षालय ने कवाड का रूप ले लिया इसके ऊपर चढी सीमेंट चादरें भी टूट फूट कर ध्वस्त हो चली । हालांकि इस यात्री प्रतीक्षालय के समीप ही संविधान निर्माता बाबा सा भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को स्थापित कर दिया गया । तथा समय समय पर राजनीतिक कार्यक्रम के चलते इस यात्री प्रतीक्षालय को कार्यक्रम स्थल भी बनाया जाता रहा इस स्थल पर प्रदेश केंद्र सहित राजनीतिक दलों के लोगों ने इस स्थल को सुंदर बनाने इसका विकास करने बड़ी बड़ी घोषणा सुनीं परन्तु यह प्रतिक्षालय की सुध किसी को नहीं रही यह प्रतीक्षालय अपनी पहचान खोता चला गया तथा खंडहर का रूप ले लिया तथा देशी विदेशी पर्यटकों के कैमरों में इसकी तस्वीरें पहुंच ने लगी जिससे नगर की छवि धूमिल होने लगी । इतना ही नहीं जब कभी कोई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तब यहां लोग आकर बाबा सा की प्रतिमा पर माल्यार्पण पुष्पांजलि अर्पित करते दिखाई देते हैं तथा बड़ी संख्या में बाबा सा के अनुयाई भी यहां आकर अपनी पुष्पांजलि अर्पित करते रहते हैं बावजूद इसके इस स्थल के कायाकल्प सुधारने सुंदर बनाने की मात्र घोषणा एवं वायदे वह भी खोखले साबित होते रहे तथा यह यात्री प्रतीक्षालय अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा कर अपनी कहानी स्वयं बयां करने पर मजबूर हो गया ।इसकी सुध न तो प्रशासन न ही शासन को रही।