– उप सरपंच ने किए लाखों करोड़ों के वारे न्यारे ,ऐसी है चल रही शिवराज सरकार
शिवलाल यादव
रायसेन।जिले की जनपद पंचायत सिलवानी की आदिवासी बहुल चिचोली पंचायत में विकास और निर्माण कार्यों के नाम पर सरपंच उपसरपंच सहित पंचायत सचिव ,रोजगार सहायक सचिव और जनपद पंचायत की एक जिम्मेदार महिला अधिकारियों ने मिलजुलकर विभिन्न मदों की राशि बंदरबांट कर मिल जुलकर गोलमाल किए जाने का मामला सामने आया है।जिससे चिचोली पंचायत में लाखों करोड़ों के घोटाले बाजी किए जाने के हाल ही में एक बड़ा मामले का खुलासा हुआ है। जहां घोटाले उजागर हुए हैं सिलवानी बेगमगंज विस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भाजपा विधायक रामपाल सिंह ठाकुर करते हैं।
मनरेगा, रोजगार गारंटी योजना के तालाबों का निर्माण कागजों में किए लाखों की मंजूर राशि हड़पी…..
चिचोली ग्राम पंचायत में सरपंच एक गरीब आदिवासी महिला चुनी गई थी।जबकि एक भाजपा नेता उपसरपंच की कुर्सी पर बैठकर प्रस्तावों पर फर्जी सील हस्ताक्षर कर पंचायत सचिव रोजगार सहायक सचिव और सिलवानी जनपद पंचायत की तत्कालीन एक जिम्मेदार महिला अधिकारी द्वारा मिलजुलकर लाखों करोड़ों रुपयों की राशि हड़प ली गई है।इस कागजी खानापूर्ति कर रकम गोलमाल कर दी गई है।ग्रामीणों ने बताया कि आदिवासी महिला सरपंच रही जो कि वह अभी भी मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पाल रही है।जबकि कांग्रेस नेता रोजगार गारंटी योजना कांग्रेस की देन बताकर शर्ट की कॉलर ऊंची करते रहते हैं।
रोजगार गारंटी योजना एक हितग्राही मूलक योजना है। गरीबों को गांवों में ही रोजगार देने की योजना है ना कि गबन भृष्टाचार करने की योजना है। सिलवानी जनपद पंचायत की तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमति रश्मि चौहान ने इस क्षेत्र की जनता को एवं जनप्रतिनिधियों को एक मुस्कुराहट में ठग लिया और भ्रष्टाचार का बोलबाला बढ़ता गया और भ्रष्टाचार चरमसीमा पर पहुंच गया।बड़े ताज्जुब की बात है कि मौके पर तालाब चिचोली पंचायत में खुदे नहीं।लेकिन तालाबों मूल्यांकन में कागजी खानापूर्ति की कार्यवाही पूरी हो गई।
रोजगार गारंटी योजना या गौशाला निर्माण में लोगों ने मांग पत्र दिए या तालाबों के मांग पत्र दिए फिर बगैर ही मांग पत्र के यह काम कैसे मंजूर हो गए लाखों करोड़ों के कार्य कागजों में पूरा होना दर्ज कर दिया गया है।जो कि जांच के विषय है ।अब इन मामलों में हुए फर्जीवाड़ों पर ऐसे कई सवाल खड़े होने लगे हैं।
तहसील सिलवानी की चिचोली ग्राम पंचायत में यदि हरेक योजना की जांच हो जाए तो भ्रष्टाचार करने वालों को जेल जाना ही पड़ेगा।आदिवासी महिला सरपंच होने के नाते भरपूर फायदा उठाया गया जो व्यक्ति पंच नहीं वह जनप्रतिनिधि कैसे बन गया झूठ बोलकर अखबारों में विज्ञापन छपवा ए गए की उपसरपंच अपने आप को बताया गया मुख्य कार्यपालन अधिकारी भ्रष्टाचार का काला चश्मा लगाए हुई थी उन्हें यह नहीं दिखा की महिला आदिवासी सरपंच कभी जनपद पंचायत सिलवानी के ऑफिस में आई नहीं और इतना बड़ा घोटाले का खेल हो गया ।यह वास्तव में जांच का विषय है।
जो फोन पे करने वाली मोटी रकम निकालने वाली सिम कौन के नाम थी। जिससे ओपीडी गिरती है वह सिम किसके मोबाइल में डली थी यह भी बारीकी से जांच का विषय है ।किसी भी दस्तावेज पर चिचोली की महिला सरपंच ने हस्ताक्षर ही नहीं किए. हस्ताक्षर भी दस्तावेजो में फर्जी हुए हैं यही भी जांच का विषय है।
शिकायतकर्ता ने जब कलेक्टर को शिकायत की थी तब उनके बाजू में जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी विराजमान थे। उन्होंने भी इन फर्जी निर्माण कार्यों के बारे में जांच पड़ताल कराने की जरा सी भी हिम्मत नहीं जुटाई ।इससे साफ जाहिर होता है की जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी की भी भ्र्ष्टाचार की लंबी चैन से जुड़े हुए हैं।इसी चैन में विधायक सिलवानी के पीए राजेन्द्र पांडेय के जुड़े हुए हैं।ऐसी जनचर्चा जोरों पर चल रही है।