नृत्य करते हुए चल समारोह में शामिल हुए समाजजन
रिपोर्ट देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
आदिवासी समाज ने मंगलवार को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर नगर में कार्यक्रम का आयोजन किया। यहाँ पर बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संतोष पन्द्रे सिवनी व किरण बट्टी भोपाल मौजूद रहे। प्रारंभ में गोड़ी नीति अनुसार पूजा अर्चना की गई।
मुख्य अतिथि के रूप के मौजूद वक्ताओं ने संबोधन में कहा किविश्व आदिवासी दिवस को इतिहास में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 1994 में प्राथमिक बैठक के दिन घोषित किया गया था। 1982 में मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण पर संयुक्त राष्ट्र के कार्यकारी दल की आदिवासी आबादी पर संयुक्त राष्ट्र की कार्यकारी पार्टी की पहली बैठक की गई थी! में आप लोगों को बताना चाहूंगा कि विभिन्न सरकारों और संगठनों द्वारा आदिवासियों के उत्थान के प्रयास लगातार किए गए लेकिन हमारी समाज का उत्थान उस प्रगति के साथ नहीं हो पाया जो अन्य समाजों का हुआ है!
उन्होंने बताया कि एक रिपोर्ट के मुताबिक़ आज पूरी दुनिया में आदिवासियों की संख्या घटकर 37 करोड़ के आस पास हो गयी है. यह कहना गलत नहीं होगा की कहीं न कहीं मॉर्डन लोग ही आदिवासियों के अस्तित्व के दुश्मन है. क्योंकि हर साल न जाने कितने पेड़ और जंगल का सफाया किया जाता है सिर्फ अपने फायदे के लिए। लोग इस फायदे में यह भूल जाते हैं की हम आदिवासियों के घर यानी उनके जंगल को नष्ट कर रहे हैं!
वक्ताओं ने यह भी कहा कि आदिवासी समाज अन्य समाजों में काफी पिछड़ी है हम सबको संगठन बनाकर समाज को जागरूक करना होगा सबको शिक्षा मिल सके सबका विकास हो सके सबको सरकार योजना को लाभ मिल पाए इन सब के लिए हमको संगठन के माध्यम से हमारी समाज को जागरूक करना होगा उन्होंने कहा कि मैं हमारी समाज के महिलाओं से भी निवेदन करती हूं कि वह भी आगे आएं और हमारी समाज को मजबूती प्रदान करें!
कार्यक्रम के समापन में आदिवासी समाज के युवा नेता नीलमणि शाह ने भी समाज को एकत्रित करने के लिए सभी को एक साथ आने का निवेदन किया उन्होंने कहा कि संगठन समाज ही सबसे बड़ी समाज की उपलब्धि होती है अगर हम एकत्रित रहेंगे तो हमारा शोषण कोई भी नहीं कर पाएगा और हम बिखरे रहेंगे तो हमारा शोषण होता रहेगा उन्होंने अंत में कहां की मैं सभी समाज बंधुओं का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने समय निकालकर कार्यक्रम में पधारे!
निकाला चल समारोह
कार्यक्रम की समाप्ति पर कार्यक्रम स्थल से चल समारोह निकाला गया। शामिल युवा डीजे पर बज रहे गीतों पर नृत्य कर रहे थे। जुलूस में बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए।