आदिवासी उपयोजना के कार्यालय में सीईओ और ऑपरेटर का आवास
आदिवासी भटकने मजबूर
सिलवानी/रायसेन। आदिवासी बाहुल्य विकासखंड सिलवानी में प्रदेश सरकार ने आदिवासियों को जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ त्वरित रूप से पहुंचाने के उद्देश्य से आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा एकीकृत आदिवासी लघु परियोजना का कार्यालय सिलवानी में प्रारंभ किया गया था। पूर्व में कई वर्षों तक यह कार्यालय किराये के भवन में संचालित रहा। वर्तमान में परियोजना अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने से कार्यालय के कर्मचारी जिला कार्यालय में ही अपनी सेवाएं दे रहे है।
जनपद पंचायत प्रांगण में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासी एकीकृत लघु परियोजना कार्यालय का भवन निर्माण लाखों रूपये की लागत से कराया गया था। जिसका आज तक शुभारंभ ही नहीं किया गया। आदिवासियों के हितों के बनाये भवन में जनपद पंचायत सिलवानी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जनपद पंचायत के कम्प्यूटर आपरेटर ने कब्जा कर अपना आवास बना लिया है।
सिलवानी आदिवासी बाहुल्य विकासखंड है। जिसमें आदिवासी के हितों की कई योजनाएं संचालित है। कार्यालय नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र से आये आदिवासी विभिन्न कार्यालयों की ठोकरे खाते है। कुछ माह पूर्व बिरसा मुण्डा की जयंती पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में आदिवासियों के हितों के योजनायें प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी, वहीं दूसरी ओर आदिवासी के हितों के लिये भवन पर अधिकारी और कर्मचारी किये हुये है। सरकार की मंशा थी कि आदिवासियों को योजनाओं की जानकारी और त्वरित लाभ मिल सके इस कारण सिलवानी में उक्त कार्यालय प्रारंभ किया गया था, परंतु पिछले कई वर्षों से परियोजना अधिकारी का पद रिक्त है और कार्यालय के कर्मचारियों को आदिम जाति कल्याण विभाग में अपनी सेवायें दे रहे है। वहीं क्षेत्र के आदिवासी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भटक रहे है।
सरकार द्वारा जनपद पंचायत प्रांगण में आदिवासी एकीकृत लघु परियोजना कार्यालय का भवन निर्माण तो करा दिया परंतु कार्यालय प्रारंभ करना भूल गया जिसका फायदा जनपद पंचायत सिलवानी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उठाते हुये अपना आवास बना लिया, वर्तमान में जनपद सीईओ रश्मि चौहान द्वारा अपना आवास बना लिया है। वहीं एक कार्यालय के एक भाग पर जनपद पंचायत सिलवानी के कम्प्यूटर आपरेटर भुजबल बघेल ने अपना आवास बना लिया है।