सांची रायसेन से देवेंद्र तिवारी
कई दिनों के इंतजार के बाद पार्षद पद पर खड़े उम्मीदवारों का परिणाम आते ही विजयी उम्मीदवारों को पार्षद पद तो हासिल हो चुका । इस ऐतिहासिक स्थल की परिषद में 15 वार्ड हैं इनमें से 12 वार्ड में भाजपा ने बाजी मारकर सफल हो चुकी तथा भाजपा की नगर सरकार बनना लगभग तय हो चुका है । अब अध्यक्ष पद पर कौन आसीन होगा समय का इंतजार है।
जानकारी के अनुसार नगर में कुल 15 वार्ड हैं इनमें से भाजपा ने एक वार्ड पर निर्विरोध जीत हासिल कर ली है तब नगर में भाजपा ने 12 वार्ड में सफलता प्राप्त कर ली तथा नगर में दो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सफल हुए हैं जबकि कांग्रेस को मात्र एक ही पार्षद पद हासिल हो सका इस परिषद में कांग्रेस का पूरी तरह फट्टा साफ हो गया जबकि तत्कालीन परिषद कांग्रेस की ही काबिज थी परन्तु डा प्रभूराम चौधरी के दल बदलने के साथ ही उन्होंने भी पाला बदल लिया था । अब जब नगर परिषद का चुनाव हुआ तो भाजपा ने पुराने भाजपा कार्यकर्ता तथा नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष बलराम मालवीय को टिकिट दिया था उन्होंने भी अपने वार्ड से जीत का परचम लहराया तथा पूर्व से ही अध्यक्ष पद के दावेदार माने जाते हैं तथा दूसरी ओर डा प्रभूराम चौधरी के खास समर्थक माने जाने वाले जो डा चौधरी के साथ ही पार्टी बदलकर भाजपा में शामिल हुए पप्पू रेवाराम को भी पार्टी ने टिकट दिया था । श्री रेवाराम की पत्नी भी नप की पूर्व अध्यक्ष रही है तब अध्यक्ष पद पर इनकी भी दावेदारी मानी जाती है वैसे भी पार्षद पदों के फेसले होने के बाद अब लोगों में अध्यक्ष पद की चर्चा भी जोरशोर से शुरू हो गई है । हालांकि बताया जाता है कि दोनों ही दावेदार अपनी अपनी गोटियां जमाने में जुट गए हैं तथा जीते हुए पार्षदों को अपने अपने हाथ में लेने की कवायद भी चल पड़ी है हालांकि कांग्रेस का एक मात्र पार्षद का समर्थन भी पप्पू रेवाराम को मिल सकता है बताया जाता है कांग्रेस पार्षद पद पर जीतने वाले भी स्वयं पप्पू रेवाराम के परिवार के करीबी बताये जाते हैं जबकि निर्दलीय जीते पार्षद बलराम मालवीय के साथ जा सकते हैं अब पार्टी के बारह विजयी पार्षदों के ऊपर दारोमदार रहता है कि अध्यक्ष पद पर दोनों दावेदारों में किसको अध्यक्ष पद पर आसीन किया जाये निर्भर करता है । हालांकि अध्यक्ष पद पर पार्टी के निर्देशानुसार गाइड लाइन के तहत ही अध्यक्ष का निर्णय होने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है परन्तु अध्यक्ष पद पर दोनों ही पार्षद अपनी अपनी गोटी जमाने में लग चुके हैं ।ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो समय ही सुनिश्चित कर सकेगा।