निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव108 श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
सुरेन्द्र जैन धरसीवा
पूज्य निर्यापक मुनिश्री सुधासागर जी महामुनिराज ने अपने अनमोल वचन में कहा कि डॉक्टर वैध धरती का दूसरा भगवान होता है लेकिन आज डॉक्टर सबसे बड़ा व्यापार बन गया है
पूज्य श्री ने कहा कि डाक्टर-दुसरा भगवान होता है डाक्टर,वैध लेकिन आजकल डाक्टर एक बहुत बड़ा व्यापार बन गया रामायण में रावण के वैध ने लक्ष्मणजी को मरते हुए बचाया विरोधी को बचाया यें उदाहरण के माध्यम से बताया।
राग नहीं करना-प्रकृति ने अकेले ही आये थे अकेले ही रहो अकेले ही चले जाओ।नग्न ही आये थे नग्न ही रहना निर्विकारी आये थे निर्विकारी रहना,बालक जैसा रहना है, निर्विकारी रह नही पाते है इसलिए कपड़ों को ग्रहण करते हैं,में कोई राग करुंगा ही नही तो राग होगा ही नहीं।
पुर्व भव का बैरी-दुनिया का सत्य सुहावना, लुभावना लेकिन विनाशकारी हैं जितना अच्छा बदला द्वेष कर के नही ले सकते उतना राग करके व्यक्ति बदला ले सकता हैं। एक व्यक्ति बीमार होकर तडप तडप करके पुरा परीवार के पैसे खर्च कराकर मर जाता है।पुरा परीवार के पैसे बीमारी में खर्च कराकर मर जाता हैं।जो व्यक्ति हमें मझंधार में छोडकर जावे वो व्यक्ति पूर्व भव का बैरी है।
प्रवचन से शिक्षा
-अकेले ही आये थे अकेले ही रहो अकेले ही चले जाओ
सकंलन ब्र महावीर