सांची नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस चार वार्ड में नहीं उतार पाई प्रत्याशी, निर्दलीयो ने बिगाड़े समीकरण
देवेंद्र तिवारी साँची रायसेन
भाजपा आगे कांग्रेस पिछडी
सांची नगर परिषद चुनाव को लेकर एक वार्ड छोड़ सभी में रस्साकसी चल रही है। बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवारों ने भाजपा की नींद उडा रखी है। मंत्री की समझाइश भी काम नहीं आ सकी निर्दलीय उम्मीदवारों ने राजनीतिक दलों को सबक सिखाने की ठान ली है जोरशोर से चल प्रचार रहा है ।
जानकारी के अनुसार इन दिनों नगर परिषद चुनाव को लेकर नगर में चर्चाओं का बाजार गर्म है हर किसी की जबान पर चुनाव में हारजीत के आंकड़ों का अंदाजा लगाया जा रहा है वैसे भी भाजपा ने लगभग सभी 15 वार्डों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस ने लगभग 4 वार्ड मे अपने उम्मीदवार खड़े नहीं कर सकी जिससे कांग्रेस पिछडती हुई दिखाई दे रही है इनमें भी कुछ पर्दे के पीछे से भाजपा को समर्थन देने में पीछे नहीं दिखाई दे रहे हैं ।
सबसे पहले भाजपा ने वार्ड नं 9 में अपना प्रत्याशी खड़ा किया था इस वार्ड में कांग्रेस अपना प्रत्याशी खड़ा करने में सफल नहीं हो सकी जिससे यह वार्ड निर्विरोध रहा है इसमें निर्दलीय भी सामने नहीं आ सके भाजपा ने इस वार्ड में सफलता प्राप्त कर ली । वार्ड नं 1 में पूर्व अध्यक्ष बलराम मालवीय पार्षद का चुनाव लड रहे हैं जबकि कांग्रेस ने मुकेश चौधरी को उतारा है इसके साथ ही इस वार्ड में दो निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में हैं बताया जाता है दोनों ही भाजपा समर्थित है वार्ड नं 2 में भाजपा ने अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं तथा इस वार्ड में कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारा है तथा दो प्रत्याशी निर्दलीय रूप से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं इनमें भाजपा से टिकट न मिलने पर एक प्रत्याशी भाजपा समर्थित है तो एक निर्दलीय है तथा वार्ड नं 3 में बडा ही रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है यहां से भाजपा ने पूर्व अध्यक्ष पति पप्पू रेवाराम को टिकिट दिया है जो स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभूराम चौधरी के काफी करीबी माने जाते हैं इसी वार्ड से कांग्रेस ने जानेमाने वकील अमृत नरवारे को टिकिट दिया है तो इसी वार्ड में पांच निर्दलीय रूप से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं इनमें दो पूर्व पार्षद भी है जबकि इस वार्ड में सात उम्मीदवार मैदान में हैं इनमें तीन भाजपा समर्थित बताये जाते हैं तब इस वार्ड में मुकाबला रोचक बन गया है तथा भाजपा उम्मीदवार को कड़ी चुनौती मिल रही है वार्ड नं 4 में कुल 5 उम्मीदवार मैदान में हैं तो इनमें भाजपा व कांग्रेस ने अपने अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं तो तीन निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं वार्ड नं पांच में दो ही प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं इनमें भाजपा अधिकृत एक प्रत्याशी तथा भाजपा से टिकट न मिलने से चुनाव मैदान में कूद पड़े भाजपा समर्थित उम्मीदवार के बीच कडा मुकाबला दिखाई दे रहा है यहां भी कांग्रेस शून्य पर है कांग्रेस प्रत्याशी विहीन रही है इसी प्रकार वार्ड नं 6 में जहां भाजपा ने अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं तो यही से कांग्रेस ने पूर्व पार्षद को चुनाव मैदान में उतारा है इस वार्ड में भी चार प्रत्याशी निर्दलीय रहकर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं इनमें भी दो भाजपा समर्थित बताये जाते हैं वार्ड नं 7 में कुल चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं इनमें एक भाजपा तथा एक कांग्रेस से तो दो निर्दलीय अपनी किस्मत आजमा रहे हैं वार्ड नं 8 में भाजपा ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं तो कांग्रेस इसमें उम्मीदवार उतारने में असफल रही है तब तीन प्रत्याशी निर्दलीय रूप में चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं वार्ड नं 9 में भाजपा ने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे यहां से कांग्रेस प्रत्याशी उतारने में असफल रही है तथा इस वार्ड में निर्दलीय भी न होने से यह वार्ड निर्विरोध रहा है वार्ड नं 10 में भाजपा से एक तो एक कांग्रेस से अधिकृत है तथा एक भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में डटे हुए हैं वार्ड 11 में भी भाजपा ने अपने अधिकृत उम्मीदवार उतारा है तो कांग्रेस इस वार्ड में भी अपना उम्मीदवार उतारने में असफल रही है तब इस वार्ड से दो उम्मीदवार निर्दलीय प्रत्याशी बने हुए हैं वार्ड नं 12 में भाजपा व कांग्रेस ने अपने अपने एक एक उम्मीदवार को मैदान में बताया जा रहा है तो एक निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं वार्ड नं 13 यहां सबसे अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में कूदे हुए हैं यहां भी चुनाव बडा दिलचस्प बना गया है यहां भाजपा ने अपने उम्मीदवार जो स्वास्थ्य मंत्री डॉ चौधरी के करीबी बताये जाते हैं उनकी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा है तो यहां से कांग्रेस ने भी अपने पूर्व पार्षद को चुनाव मैदान में उतार दिया है तथा यहां से चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे 6 निर्दलीय प्रत्याशी हैं इनमें कुछ भाजपा के तथा कुछ कांग्रेस से टिकट न मिलने से अपनी नाराज़गी चुनावी समय में कूद कर दिखा रहे हैं हालांकि यह वार्ड महिला हैं यहां भी डा चौधरी को दो दिन चक्कर लगाने पड़े थे तथा अपनी पार्टी प्रत्याशी के लिए घर घर घूमना पडा था इस वार्ड में हेडगेवार कालोनी सहित चतर कालोनी बसस्टेंड रेलवे कालोनी शामिल हैं यह नगर के सभी वार्डों से बडा वार्ड कहलाता है मतदाता भी लगभग हजार से ऊपर ही बताये जाते हैं । इस के अलावा वार्ड नं 14 जहां से भाजपा ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशी के रूप में पूर्व पार्षद पर दांव लगाया है इसमें दो प्रत्याशी निर्दलीय रूप से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं तथा वार्ड नं 15 में कुल तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं इनमें एक भाजपा ने तथा एक कांग्रेस ने तथा एक भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं यहां भी चुनाव मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है
हालांकि इस नगर परिषद सरकार अपने पक्ष में बनाने के लिए यहां के विधायक तथा सरकार
में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभूराम चौधरी पूरी तरह कमर कस चुके हैं तथा भाजपा पार्षदों को जिताने की कवायद में जुटे हुए हैं बार बार बैठक करना बार बार असंतुष्टों को मनाने की कवायद करना तथा घर घर जाकर लोगों से भाजपा को विजई बनाने की अपील कर रहे हैं हालांकि अब वार्डों की समस्या भी मंत्री जी के संज्ञान में लाई जा रही है जिनका निराकरण भी चल रहा है तो कुछ आश्वासन भी मिल रहा है जिससे भविष्य में यदि भाजपा की नगर सरकार बनती है तो समस्या के निराकरण की भी उम्मीद बढ़ जायेगी ।
चुनाव जीतने मतदाता सूची में बढ़ गये नाम।।
जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते गए चुनाव में हिस्सा लेने वालों ने अपनी गोटियां बिछानी शुरू कर दी इसी कड़ी में चुनाव में सफलता पाने दूर दराज से दूसरे स्थानों पर निवास करने वालों के नाम मतदाता सूची में बढ़ाने का सिलसिला शुरू हो जाता है ऐसे अनेक लोग होते हैं जो नगर सहित अन्य क्षेत्रों की मतदाता सूची में नाम दर्ज रहते हैं तथा एक से अधिक स्थानों पर मताधिकार करने में सफल हो जाते हैं
चुनाव आते ही सोती नगर परिषद जागी ।
जहां नगर परिषद में वर्षों से लोग समस्या लेकर पहुंच रहे थे तथा समाधान नहीं हो पा रहा था अब जब मंत्री जी घर घर चक्कर काट रहे हैं तो नगर परिषद भी हरकत में पूरी तरह आ गई है तथा आवश्यक सुविधाएं जुटाई जाने लगी है तथा चुनाव में हिस्सा लेने वाले नेताओं के निर्देश का पालन भी किया जाने लगा है तथा नेताओं के वार्ड में सुविधाएं जुटाने के लिए भले नगरीय क्षेत्र की जलापूर्ति पूरी तरह रोकनी पड़े चाहे चुनाव आचार संहिता को ताक पर रखना पड़े नगर में नगर परिषद के कारनामे किसी से छिपे नहीं है बरसात शुरू होने के बाद भी बरसात शुरू होने के बाद भी पेयजलापूर्ति पूरी तरह ठप्प रही ।