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आकर्षित करती अंग्रेजों के जमाने की तकनीक और तालाब के खूबसूरत नजारें

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रिपोर्ट धीरज जॉनसन,दमोह

दमोह शहर से लगभग पांच मील दूर अंग्रेजों के जमाने का पंप हाउस, उसकी तकनीक और इसके निकट बने तालाब के मनमोहक दृश्य सभी को आकर्षित करने वाले प्रतीत होते है।

राजनगर तालाब जहां से वर्षो पहले दमोह तक पानी पहुंचाने के लिए नल भी लगाए गए थे, बाद में इसे विघटित कर दिया गया और अब यहां 335 एच पी का पंप लगाया गया है जो शहर के फिल्टर प्लांट को पानी पहुंचाता है।

नपा द्वारा एक पार्क भी यहां बनाया गया है जहां काफी मात्रा में लगे हुए पेड़ पक्षियों का बसेरा भी बन चुके है और लोगों को अक्सर यहां समय व्यतीत करते हुए देखा जा सकता है।

तालाब के निकट ही पहाड़ी होने के कारण बरसात के समय इसका सौंदर्य बढ़ जाता है साथ ही तालाब के किनारे पर बना एरिएशन फाउंटेन का नजारा भी काफी खूबसूरत दिखाई देता है जिसे लोहे की जालियों से घेर दिया गया है कि लोग इस क्षेत्र को गंदा न करें।

दर्शनीय स्थल बन सकता है अंग्रेजों के जमाने का पंप हाउस 

यहां अंग्रेजों के जमाने का एक पंप हाउस भी मौजूद है जो बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है जिसकी मरम्मत और नया कर दिया जाए तो आकर्षण का केंद्र बन सकता है साथ ही पुराने जमाने की तकनीक से अवगत भी हुआ जा सकता है परंतु अभी तो यह क्षेत्र झाड़ियों से घिरा हुआ है।

इस पंप से कुछ दूरी पर बने तालाब के किनारे एक कुंआ बनाया गया था और तकनीक की सहायता से पानी यहां तक पहुंचता था फिर पाइप लाइन के द्वारा दमोह तक जाता था जिसके टरबाइन पंप, सेंट्री फ्यूगल पंप, वर्टिकल टरबाइन पंप,बिजली कनेक्शन सिस्टम,पाइप लाइन पंप ऑपरेटर रुम,विश्राम गृह दिखाई देते है।

पानी इकट्ठा करने के लिए मजबूती से बना हुआ कुंआ और उसमें फिट की गई मशीन,पाइप और भवन के अंदर तक जाती हुई लोहे की सामग्री व कुशल तकनीक दिखाई देती है।

बाहर से इसकी झलक बहुत खूबसूरत है स्थानीय निवासियों ने कुछ साल पहले यहां पौधारोपण किया था जो अब वृक्ष के रूप में तब्दील हो चुके है।अगर इसके आस पास  सफाई कर बाउंड्री वॉल,बगीचा व इस भवन को ठीक कर दिया जाए तो देखने वालों के लिए यह ज्ञानवर्धक घूमने का स्थान भी बन सकता है।

स्थानीय निवासी गजेंद्र यादव ने बताया कि पुराने सिस्टम में तालाब के अंदर कुंआ बना है उसमे बॉल लगी है जिसका पानी पुराने पंप हाउस जाता था जो अंग्रेजों के समय का है इसमें से नीचे की वॉल खोलने से तालाब की गंदगी साफ की जाती थी  कुएं के समांतर एक पाइप गैलरी गई हुई थी जो तालाब के पार के दूसरे तरफ निकलती थी

तालाब का पानी पहले पंप हाउस के पास कुएं में आता था फिर पंप के जरिए दमोह पहुंचाया जाता था।गुलशन ने बताया कि यह पुरानी जगह है इसे बेहतर बनाया जा सकता है।इसके चारों ओर दीवार, बगीचा भी लगाया जा सकता है जिससे लोग यहां आकर देख सकें कि पुराने जमाने में अंग्रेज किस तरह यहां से पानी दमोह तक पहुंचाते थे।

न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन

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