रायसेन जिले के रातापानी अभ्यारण्य में बढ़ा बाघों और तेन्दुओ का कुनबा, 80 बाघ और 500 तेंदुए,नई गणना के बाद आया सुखद समाचार
रायसेन। जिले के ओबेदुल्लागंज वन मंडल में स्थित रातापानी अभ्यारण और सिघोड़ी अभ्यारण्य में हाल ही में हुई गणना के बाद आश्चर्य चकित करने बाल सुखद समाचार सांमने आया है। रातापानी अभ्यारण में जहां बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है जहां गणना में बाघों की संख्या 80 के आसपास बताई जा रही है वही तेन्दुओ की संख्या भी 500 के आसपास पहुंच गई है।
पिछले दिनो बाघ गणना तैयारियां पूरी हो चुकी है, 5 से 11 जनवरी के बीच रातापानी और सिंघौरी अभ्यारण्य की 170 बीटो में गणना का काम शुरू किया गया था।इसके लिए जंगल मे 800 ट्रेप कैमरे लगाए गए थे।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर बाघों की गणना कराई गई। रातापानी और सिंघोरी अभ्यारण्य में यह गणना 5 जनवरी से प्रारंभ हुई थी। 1 सप्ताह चलने वाली यह गणना 11 जनवरी को समाप्त हुई है।
जिसके लिए वन मंडल के अंतर्गत आने वाले अमले को प्रशिक्षण दिया गया था। यहां 800 ट्रैप कैमरे लगाए गये है।
टाइगर की गणना करने के लिए दोनों सेंचुरी के कर्मचारियों के साथ वॉलिंटियर्स और अन्य क्षेत्रों के बीड गार्डों की सेवाएं ली गई।
एनटीसीए हर चार साल में देश के टाइगर रिजर्व में बाघ गणना कराता है। यह गणना जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू की गई।बाघ गणना का कार्य रातापानी समेत सिंघौरी अभ्यारण्य और गौहरगंज,बिनेका,चिकलोद और सुल्तानपुर सहित वन मंडल के अंतर्गत आने वाले अन्य वन क्षेत्रौ में किया गया।
ओबेदुल्लागंज वन मंडल के अंतर्गत 10 रेंज आते हैं जिनमें 152 बीट हैं लेकिन इनमें से फिलहाल 35 बीट रिक्त पड़ी हुई है ऐसे में बाघों की गणना प्रभावित ना हो इसके लिए मंडल अधिकारी रायसेन, सीहोर और भोपाल मंडल के साथ वॉलिंटियर्स का सहयोग भी लिया गया।
विजय कुमार, डीएफओ औबेदुल्लागंज वन मंडल का कहना है कि किसी भी टाइगर रिजर्व की तरह रातापानी सेंचुरी में भी बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अनुमान है कि ये दोगुने से ज्यादा हैं। तेंदुए भी 55 फीसदी से अधिक बीटों में दिखाई दिए हैं, जो कि एक उपलब्धि है।