– बेटी होने का फर्ज निभाया, पिता का किया अंतिम संस्कार
-बेटी होना अब अभिशाप नहीं
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
शिवपुरी जिले में एक शख्स की मौत के बाद उनकी छोटी बेटी द्वारा पूरी रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किए जाने का मामला सामने आया है। मामला शहर के तारकेश्वरी कालोनी का है। अपने पिता की हार्ट अटैक से मृत्यु होने पर उनकी छोटी बेटी ने चैन्नई से आकर अपने पिता को नम आंखों से मुखाग्नि देकर सारे मिथक तोड़ दिए। वहीं बड़ी बेटी भी अपनी पिता को अंतिम विदाई देने मुक्तिधाम पहुंची।
दोनों बेटियों को बेटा मानकर पाला-
बेटी होना अब अभिशाप नहीं माना जाता है। बेटे की तरह बेटियां माता-पिता का न केवल सहारा बन रही है, बल्कि अपने पिता को मुखाग्नि तक दे रही है। शिवपुरी निवासी मनोज भसीन (55) पोस्ट ऑफिस में खाते खुलवाकर पैसे कलेक्शन कर जमा करने का काम करते थे। मनोज की दो बेटी हैं जिनमें बड़ी बेटी मानसी दिल्ली में रहकर जॉब करती है, जबकि छोटी बेटी रितिका चेन्नई में एक निजी कंपनी में काम करती है। मनोज ने अपनी दोनों बेटियों को बेटा मानकर उनका पालन पोषण किया। अचानक से मनोज को हार्टअटैक आया और उनका निधन हो गया। । पिता के निधन की सूचना दोनों बेटियों को मिली तो बड़ी बेटी दिल्ली से जल्दी शिवपुरी आ गई, लेकिन छोटी बेटी रितिका को चेन्नई से आने में कुछ समय लगा। इसके बाद दोनों बेटियों ने अपने पिता को अंतिम विदाई दी।
पूरे रीति रिवाज से किया अंतिम संस्कार-
शिवपुरी आने पर मनोज की छोटी रितिका ने परिजन से कहा की पापा का अंतिम संस्कार मैं करूंगी। बेटी के फैसले पर परिजन ने भी उसका साथ दिया। दोनों बेटिया शवयात्रा के साथ मुक्तिधाम पर पहुंची जहां रितिका ने पूरे रीतिरिवाज से अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान दोनों के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे।