-बटुकजी की भागवत कथा में होगा आगमन
विदिशा से अदनान खान की रिपोर्ट
ग्राम अटारीखेजड़ा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में शनिवार को बागेश्वर धाम सरकार का आगमन होगा। कथा के विश्राम दिवस पर धीरेंद्र कृष्ण महाराज अपने आशीष वचन देंगे।
कथा के छठे दिन रुकमणी विवाह प्रसंग पर कथाव्यास पंडित अंकितकृष्ण तेनगुरिया ने कथा सुनाई, रुक्मिणीजी विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थी। उनका बचपन श्रीकृष्ण के साहस और वीरता की कहानियां सुनते बीता था। जब विवाह की उम्र हुई तो इनके लिए कई रिश्ते आए लेकिन उन्होंने सभी को मना कर दिया। महाराज बटुकजी ने कहा कि वह मन ही मन श्रीकृष्ण को अपना वर मान चुकी थी और भगवान ने भी उनकी पुकार सुनी और रुकमणी जी को पत्नी के रूप में अपनाया। इस अवसर पर कथास्थल पर भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। रुक्मणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान कथा पंडाल में विवाह का प्रसंग आते ही चारों तरफ से श्रीकृष्ण-रुक्मणी पर जमकर फूलों की बरसात हुई।
कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण-रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं। उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। महाराजश्री बटुकजी ने श्रोताओं से अपील करते हुए कहा कि अपने गृहस्थ जीवन की समस्या संसार को लोगों को न सुनाएं बल्कि प्रभु से ही अपने कष्टों का हरण करने के लिए प्रार्थना करें, निश्चित ही जैसे भगवान ने रुकमणी की पुकार सुनी वैसे ही वो तुम्हारी भी जरुर सुनेंगे।आचार्य पंडित आकाश दुबे ने बताया कि कथा विश्राम दिवस के दिन शनिवार को द्वारिकाधीश औऱ सुदामा मिलन की कथा होगी। जिसमें श्रीकृष्ण-सुदामा की एक सुंदर झांकी सजाई जाएगी। कथा आयोजन समिति ने बताया कि इस अवसर पर बागेश्वर धाम सरकार का भी कथा में आगमन होगा। जिसमें पंडित धीरेंद्रकृष्ण महाराज अपने आशीष वचन और हरी गुणगान करेंगे।