जिस फेक्ट्री के प्रदूषण से ग्रामीण हलाकान उसी के विस्तार की जनसुनवाई गुपचुप तरीके से डेढ़ घण्टे में ही सम्पन्न
सुरेन्द्र जैन धरसीवां
आसपास के गांवो तक जिन फेक्ट्रियो की चिमनियों से जहरीला काला धुंआ अधिकांश समय निकलता है और ग्रामीण हलाकान रहते हैं ऐंसी ही एक फैक्ट्री के विस्तार की जनसुनवाई गुपचुप तरीके से डेढ़ घण्टे के अंदर पूरी करने का मामला प्रकाश में आया है।
सिलतरा के फेस टू में बहेसर मार्ग पर स्थित इस फेक्ट्री की चिमनियों से कुछ अन्य फेक्ट्रियो की तरह हमेशा भारी मात्रा में काला धुंआ निकलता है जिससे सोण्डरा गांव के ग्राम पंचायत के पीछे स्थित तालाब के पानी के ऊपर प्रदूषण की काली परत जमा हो जाती है एवं मकानों की छतों पर भी काली परत जमी रहती है ग्रामीण बढ़ते प्रदूषण से हलाकान है आसपास के गांव सांकरा निमोरा तक के ग्रामीण प्रदूषण से हलाकान रहते हैं बाबजूद इसके इन्ही में से एक वासवानी नामक फेक्ट्री के विस्तार की जनसुनवाई 18 अप्रैल को बिजली ऑफिस परिसर में रखी गई लेकिन इसकी पूर्व सूचना आसपास के अन्य गांवो के ग्रामीणो को नहीं दी गई यहां तक कि स्थानीय पत्रकारों को भी इस जन सुनवाई की कानो कान खबर नहीं होने दी और अपने शुभचिंतकों को ही एकत्रित कर घण्टे डेढ़ घण्टे में ही जनसुनवाई की औपचारिकता निभाकर अधिकारियों ने अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली एक स्थानीय पत्रकार को इसकी भनक लगी तो वह चिलचिलाती धूप में भी जनसुनवाई स्थल पहुचे लेकिन वहां जाकर पता चला कि सुबह साढ़े दस बजे शुरू होकर सबकुछ एक डेढ़ घण्टे में ही समाप्त हो गया था सब चले गए हम टेंट निकालने में लगे हैं। इस तरह प्रदूषण फैलाने वाले उधोगॉ के विस्तार की जनसुनवाई भी अब गुपचुप होने लगी हैं
धरसीवा ब्लॉक के सोडरा गांव मे स्थापित वासवानी प्लांट के यूनिट बढ़ाने संयंत्र के लिए पर्यावरण मंडल द्वारा यह जनसुनवाई का आयोजन किया गया था सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र में सर्वाधिक प्रदूषण फैलाने वाली फेक्ट्रियो में शामिल है उक्त फेक्ट्री
ग्रामीणो का कहना है कि जनसुनवाई में ग्रामीण नहीं बल्कि फैक्ट्रीयो में काम करने वाले मजदूरों को ही ग्रामीण बनाकर जनसुनवाई की औपचारिकता पूरी की गई है
आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण फैलेगा जिससे धूल डस्ट सीधे बस्तियों में आगे से ओर भी अधिक आएगी साथ ही इससे इलाके में कृषि कार्य भी प्रभावित होगा ग्रामीणों ने स्पष्ट लहजे मे कहा गुपचुप तरीके से की गई जनसुनवाई को निरस्त कर आसपास के प्रदूषण से प्रभावित गांवों के ग्रामीणो को बुलाकर पुनः जनसुनवाई कराई जाए। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि जब ग्राम सभा ही नही हुई तो ग्राम पंचायत कैंसे एनओसी दे दी।