– पी एम श्री केंद्रीय विद्यालय शिवपुरी में व्याखान
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन ने नई पीढ़ी के लिए अनेक समस्याएं पैदा कर दिया है। सतत विकास के साथ-साथ भावी पीढ़ी के विषय में भी ध्यान रखना आवश्यक है। पेट्रोल खनिज आदि के अत्यधिक दोहन से प्रकृति एवं पर्यावरण प्रभावित हो रहा है ।विकास एक आवश्यक अवश्यंभावी प्रक्रिया है परंतु इसके परिणाम पर भी ध्यान देना आवश्यक है। विकास ऐसा होना चाहिए जो दूसरों के लिए हानिकारक न हो।
पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय शिवपुरी में आयोजित कार्यक्रम में अपना व्याख्यान देते हुए शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी के अर्थशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर पवन कुमार श्रीवास्तव ने विद्यालय के छात्रों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए उक्त विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी गरीबी हटाने का चार्टर बनाया है जिससे किसी भी देश में कोई भुखमरी का शिकार न हो परंतु समाप्त होने वाले संसाधनों पर निर्भरता कम करके हमें ऐसे स्रोत पर ध्यान देना चाहिए जो समाप्त होने वाले न हों। सोलर तथा वाटर एनर्जी का प्रयोग बढ़ाना होगा। विकास को हम रोक नहीं सकते परंतु विकास के साथ-साथ असमानता को भी दूर करना होगा। डॉक्टर श्रीवास्तव ने कहा कि देश में 10% लोगों के पास 80% संसाधन है। जबकि 90% लोगों के पास मात्र 20% संसाधन है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की असमानता को भी दूर करना पड़ेगा तभी गांव से शहर का पलायन रोका जा सकता है । विकास की दौड़ में पर्यावरण को क्षति पहुंचने के कारण आज हमारे सामने अनेक समस्याएं पैदा हो गई हैं । वन व वन्य जीव को बचाना बहुत ही आवश्यक है । जल के स्रोत को सुरक्षित रखना होगा स्वच्छता पर ध्यान न देने के कारण भी हमारा पर्यावरण प्रभावित हो रहा है ।
कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती पुनीता ज्योति ने डॉक्टर श्रीवास्तव का ग्रीन वेलकम देकर स्वागत किया। धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक मोहन मुरारी मिश्र ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मधु गुप्ता ने किया।