आस-पास दिखाई नहीं देते घर और बस्तियां,भवन हो रहा खंडहर में तब्दील
धीरज जॉनसन की रिपोर्ट
दमोह:जिले के सरकारी स्कूल्स में शिक्षकों की अनुपस्थिति व देर से पहुंचने और जल्दी घर लौट जाने की खबरें सामने आती रहती है पर मुख्यालय से लगभग 8-10 किमी दूर एक ऐसा भी प्राथमिक स्कूल है जिसे देखकर लगता है कि यहां कभी छात्र आये ही नहीं होंगे।
शुक्रवार को जब दिन में लगभग 12 बजे जायजा लिया गया तो यहां ताला लगा हुआ था,भवन की दीवार को देखकर अंदाज लगाया जा सकता है कि इन पर वर्षो से पुताई नहीं हुई होगी जो खंडहर में तब्दील होते हुए प्रतीत हो रहे थे। बाहरी दीवारों पर किसी भी तरह की जानकारी नहीं लिखी गई थी पानी,प्लेग्राउंड, नल की टोंटी नदारत थे, दूर-दूर तक घर/बस्तियां भी नहीं थी, चारों तरफ के माहौल को देखकर महसूस किया जा सकता था कि स्कूल का भवन तो बना हुआ है पर शैक्षणिक गतिविधियां यहां शून्य है।
शासन द्वारा प्रति माह एक-एक शिक्षक पर हजारों रुपये खर्च किया जाता है पर धरातल पर इसके परिणाम कम दिखाई देते है।
इस सम्बंध में जब जनपद शिक्षा केन्द्र से जानकारी प्राप्त कि गई तो एमआईएस कोऑर्डिनेटर एस जैन ने बताया कि देवरी किशुनदास स्कूल में 2 शिक्षक और 9 छात्र दर्ज है। आश्चर्य यह है कि स्कूल में शिक्षक और छात्र दोनों ही दिखाई नहीं दिए,इस मार्ग से गुजरने वालों ने बताया कि यहां कभी भी छात्रों को नहीं देखा गया कभी कभी कोई आते है और कुछ देर रुककर वे भी चले जाते है।इस संबंध में जब जनपद शिक्षा केन्द्र दमोह के बीआरसी पदम् सिंह को जानकारी दी गई तो उन्होंने जनशिक्षक डी शुक्ला को बुला कर प्रकरण को जांच के लिए दिया एवं कहा कि कार्यवाही की जाएगी।
न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन