मोक्षमार्ग कहता हे कि जब भी आपकी परिक्षा होगी आप खुद ही उस परिक्षा के परिक्षक होंगे -संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज
अविनाश जैन विदिशा
विद्यालय में जबअध्यन कराया जाता है, और जब परिक्षा ली जाती है तो आपके वह शिक्षक आपकी परिक्षा नहीं लेते जिन्होंने आपको अध्यन कराया था कोई दूसरे ही शिक्षक आपके परीक्षक होते है जो आपसे अपरिचित रहे हे,एवं पूरी नजर रखते है,एवं परिक्षक और परिक्षा परिणाम दैने बाले कोई ओर ही होते है,लेकिन मोक्षमार्ग कहता हे कि जब भी आपकी परिक्षा होगी आप खुद ही उस परिक्षा के परिक्षक होंगे उपरोक्त उदगार संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज ने दयोदय महासंघ के दितीय दिवस उत्तम तप दिवस पर व्यक्त किये।
-उन्होने तीर्थंकरों की आपेक्षा से कहा कि जितने भी सिद्ध हुये है उनकी मुक्ती घर में नहीं हुई।
और जो परिक्षा में पास हो गये वह लौट कर नहीं आऐंगे सीधे सिद्धालय में ही जाऐंगे। जो लोग यह कहते है कि कपड़ा उतारते उतारते मोक्ष हो गया उतारते उतारते मोक्ष नहीं हुआ वुद्धीपूर्वक उन्होंने छोड़ा उन्होंने कहा रत्नात्रय मुक्ती का कारण हो सकता है साक्षात कारण नहीं हो सकता दूध से मक्खन को निकाला लेकिन जब तक उसे अग्नी का संयोग नहीं मिलता तब तक उससे घी नहीं निकल सकता और जब वह तप जाता है तो उसकी सुगंध से नासा तृप्त हो जाती है और उससे आर पार दिखने लगता है। घी स्व और पर प्रकाशी है। आचार्य श्री ने सीता की अग्नी परिक्षा का उदाहरण सुनाते हुये कहा कि जब तक अग्नी परिक्षा नहीं हुई तब तक सब पीछे थे लेकिन जैसे ही अग्नी परिक्षा के तप से वह बाहर निकली कि सब नतमस्तक हो गये,आचार्य श्री ने कहा असंयम का नाम आचार्यों ने अआमर्यादित कहा है उन्होंने तप की महिमा बताते हुये कहा कि कुंदन बनना है तो तपना होगा दयोदय महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया प्रवचन के पूर्व प्रतिभास्थली की बालिकाओं ने तत्वार्थ सूत्र की बांचना की वंही सात प्रतिमाधारी राष्ट्रीय कवि चंद्रसेन जैन भोपाल ने अपनी कविताओं के माध्यम से उपस्थित जनसमुदाय का मन मोह लिया कार्यक्रम के शुभारंभ में दयोदय महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद्र जैन प्रेमी कटनी महामंत्री राकेश जैन अशोकनगर, कोषाध्यक्ष अभिषेक जैन सतना, उपाध्यक्ष राजकुमार जैन गाड़रवाड़ा, प्रभारी मंत्री नवनीत जैन भादुगांव हरदा मुकेश मोदी, कटनी,मंत्रीजीतेश जैनभोपाल, प्रवक्ता अविनाश जैन विदिशा ने आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया इस अवसर परमड़ावरा, सदलगा,वणनेर ,सूपामहाराष्ट्र,उज्जैन,खुरई,जामनेर,कटंगी,वुराहानपुर,वारामती,दरभंगा पटना,भादूगांव,तेंदुखेडा,पबई,अशोकनगर, विदिशा, बरेली, भोजपुर,गंज बासोदा,रहली,गड़ाकोटा,अमरावती, पुसद महाराष्ट्र वाशिम,नीमच, वगलयी केवलारी, सिवनी गौरझामर सहित लगभग सौ से ऊपर गौ शालाओं का प्रतिनिधित्व उपस्थित था सांयकाल आचार्य भक्ती के उपरांत पुन्हा गौ शालाओं के प्रवंधकों तथा गौ शालाओं को संवर्धन करने बाले एडवोकेट, एवं अधिकारियों तथा विशेषज्ञों का सम्मान कर प्रोत्साहित किया गया।
न्यूज़ सोर्स-सुरेन्द्र् जैन बाड़ी रायसेन