निष्पक्ष जांच व एफआईआर में दर्ज गलत नाम को हटाया जावे ,कलेक्टर के नाम सर्व आदिवासी समाज ने दिया ज्ञापन
रिपोर्ट देवेश पाण्डेय सिलवानी रायसेन
धुलेड़ी के दिन अंचल के खमारिया गांव में दो पक्षो के बीच हुई हिंसक झड़प में एक ग्रामीण के मारे जाने व 30 से अधिक ग्रामीणो के धायल हो जाने के बाद छोटा सा गांव खमारिया प्रदेष के पटल पर अंकित हो गया है। अदने अधिकारी से लेकर प्रदेष के आला अधिकारी तक गांव में कैंप कर चुके है। आदिवासी संगठन भी निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर मुखर होने लगे है।
सोमवार को सर्व आदिवासी समाज के द्वारा आदिवासी नेता नीलमणि शाह की उपस्थिति में कलेक्टर के नाम एसडीएम के स्टेनो अनिल भार्गव को एक मांग पत्र सौंपा गया। जिसमें उल्लेख किया गया है कि खमारिया गांवमें घटित घटना में दर्ज एफआईआर में समाज के कई लोगो के गलत नाम जो़े गए है। एैसे नामो ंको हटाया जावे तथा संपूर्ण मामले की निष्पक्ष जांच की जावे। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जनजाति आयोग से मृतक व धायलो को आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जावे। इस मौके पर अनेक समाजजन मौजूद रहे।
इस मौके पर नीलमणि शाह, हरिलाल मसकोले, अर्जुन इरपाचे, अभिषेक रघुवंषी, राजकुमार सल्लाम, संदीप उइके, नीलेष, विजय, ब्रजेष, कमलेष, विकास, भूरा,तुलसीराम, देवेंद, कैलाष, रामू, प्रवेष, सुनील आदि मौजूद रहें।
ज्ञात रहे कि घटना के बाद से अधिकारियो व राजनैतिक दलो के नेताओं का पहुंचने का क्रम बना हुआ है। पूर्व मंत्री व क्षेत्रीय विधाायक ठाकुर रामपाल सिंह राजपूत गांव का दौरा कर ग्रामीणो से शांति बनाए रखने की अपील कर चुके है तथा प्रषासन को ग्राम में ंशांति स्थापित किए जाने को लेकर निर्देषित भी कर चुकेघटना के 4 दिन बाद भी पुलिस के जवान खमारिया सहित आस पास के गावों में डेरा जमाए हुुए है।